नीतीश की असली दुर्गति अभी बाकी है

मोदी बहुत डेंजर आदमी है.
दिलीप मंडल
2013 के जून महीने के दूसरे हफ्ते में बीजेपी के गोवा सम्मेलन में नरेंद्र मोदी की प्रधानमंत्री पद की दावेदारी पर पार्टी ने मुहर लगाई थी.
उससे पहले के एक साल पार्टी में सत्ता संघर्ष चला. विरोधी पक्ष में एलके आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, शिवराज सिंह चौहान, सुषमा स्वराज, वसुंधरा राजे, उमा भारती, यशवंत सिन्हा, जसवंत सिंह प्रमुख थे.
इनकी आज की स्थिति देखिए.
आडवाणी- आउट.
जोशी- पैदल
शिवराज- व्यापम की राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा कराई गई, विरोधी विजयवर्गीय का कद बढ़ा, पद संकट में.
सुषमा- बीजेपी ने ललित मोदी कांड लीक कराया. इस्तीफे तक बात आ गई. दो कौड़ी की हैसियत नहीं. केंद्र में किसी विभाग में शायद मंत्री हैं इन दिनों.
वसुंधरा- ललित मोदी कांड में गरदन तक धंसी, कागज बीजेपी ने ही लीक कराए, बीजेपी समर्थक चैनलों ने ऐसी की तैसी कर दी. पद खतरे में.
उमा भारती- कोई इज्जत नहीं बची. पद बचा. गंगा सफाई विभाग छिना.
यशवंत सिन्हा- पैदल
जसवंत सिंह- जिंदा हैं कि मर गए, पता नहीं.

ऐसे में जिस नीतीश कुमार ने नरेंद्र मोदी की प्रधानमंत्री की दावेदारी का विरोध किया, सत्ता संघर्ष में आडवाणी का साथ दिया, एनडीए का साथ छोड़ा……वे कैसे सुखी रह सकते हैं?
मोदी अपने दुश्मनों को माफ नहीं करता.
आडवाणी-जोशी-यशवंत-सुषमा-शिवराज किसी से भी पूछ लीजिए.
नीतीश की असली दुर्गति अभी बाकी है.
देखते रहिए.

 

(वरिष्ठ पत्रकार दिलीप मंडल के फेसबुक टामइलाइन से साभार)






Related News

  • क्या बिना शारीरिक दण्ड के शिक्षा संभव नहीं भारत में!
  • कोसी में रहना है तो देह चलाना सीखो !
  • पटना फ्लाईओवर के मामले में गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड की तरफ
  • प्रेम का नया वर्जन
  • ऑपरेशन थियेटर में बापू के दुर्लभ चित्र
  • पुरुष के मन की वासना को मार देता है भारतीय नारी का सौंदर्य
  • रोकड़ नहीं.. यूपीआई सही..
  • भाजपा में क्यों नहीं है इकोसिस्टम!
  • Comments are Closed

    Share
    Social Media Auto Publish Powered By : XYZScripts.com