उतर प्रदेश चुनाव मे युवा मतदाताओ की भूमिका

(नीतिश कुमार पांडे गोपालगंज के हैं व बीएचयू के छात्र हैं)

नीतिश पाण्डेय
चुनाव कोई भी हो जीवन के लिए लक्ष्य चूनना हो या अपने क्षेत्र के लिए विधायक,खेत के लिए खाद चूनना हो या बेटी की शादी के लिए लडका । व्यक्ति खुद जाँच परखने के बाद काफी सोच समझकर फैसला लेता है, क्योंकि उसके आज के निर्णय पर ही उसका कल टीका होता है। भारतीय लोकतन्त्र के महापर्व मे युवा साथियों की भूमिका महत्वपूर्ण है । युवा बदलते परिवेश के साथ ही अपने सोच भी बदलते रहते हैं । उन्हे कोई एक सोच के साथ ज्यादा समय तक बँधे नही रख सकता, क्योंकि युवा किसी के बहकावे मे नही आता, वो सही और गलत के बीच के फर्क को समझते हैं। सम्पूर्ण भारतीय युवाओ की एक सोच हो ऐसे कम ही मुद्वे है-जैसे आतंकवाद, भ्रष्टाचार, महँगाई, नशा,बेरोजगारी, गरीबी ,महिला सुरक्षा आदि ।एक बिडम्बना ही है, कि चुनाव के समय ये सारे मुद्दे गायब हो जाते हैं। विधानसभा चुनावो मे अक्सर देखा जाता है, कि राज्यवार समस्याएँ अलग अलग होती है ,जबकि राजनीतिक पार्टियाँ अपनी चुनावी रोटी सेकने के लिए किसी एक पूराने मुद्दे को लेकर ही जनता को भटकाने का प्रयास करती हैं। लेकिन क्षेत्रवार प्रभाव वाले क्षत्रप जनता को ज्यादा प्रभावित करते है, और युवा अपने निजी हित को ध्यान रखते हुए वोट कर देते हैं। जहाँ तक उतर प्रदेश चुनाव मे युवा मतदाताओ की भूमिका का सवाल है, तो कोई एक राजनीतिक दल एकतरफा दावा नही कर सकता ,क्योंकि सभी पार्टीयो ने अबतक युवाओ को ठगा ही है ।हम युवा मतदाताओ के मन को समझने.का प्रयास करे, तो स्थिति साफ नही है ,क्योकि हर पार्टी अपने आपको युवाओ का हमदर्द होने का दावा करती है। यु.पी. चुनाव मे क्षेत्रवाद, जातिवाद, समप्रदायवाद ही हावी रहता है, विकास की कोई बात नही करता, गरीबी किसी को दिखता नही। कोई युवा किसी पार्टी को क्यो वोट कर सकता है आइए जानने की कोशिश करें –
सपा- मुख्यमंत्री युवा है, यादव और मुस्लमान युवाओ मे खास लोकप्रिय हैं। छात्र राजनीति को बढावा देते हुए काफी संख्या मे युवाओ को राजनीति मे अवसर दिया है। युवाओ का एक खास वर्ग उनके लैपटाप ,बेरोजगारी भत्ता जैसे योजनाओ से भी प्रभावित है।
बसपा- मायावती का एक खास कैडर वोट है, जिसमे दलित, व्यवसायी, और कुछ मुस्लिम युवा है, जो उनके पूर्व कार्यकाल के कानून के राज को देखकर वोट कर सकता है। आमतौर पे युवा बसपा से दूर ही रहते हैं।
कांग्रेस- वैसे कांग्रेस के हाथ को साथ परम्परागत वोटरो का ही मिलता है ,पर कुछ युवा इस पार्टी के युवा चेहरो को देखते हुए भी वोट कर सकते हैं।
भाजपा- मोदी उदय से पहले भाजपा को वोट करने के कई वजह होंगे, लेकिन 2014 के बाद जिस प्रकार हर वर्ग के युवाओं का रूझान भाजपा की तरफ हुआ है, उसके केवल और केवल एक वजह.मोदी है । केन्द्र सरकार के कुछ हालिया फैसलो से प्रभावित होकर भी युवा यु.पी. चुनाव मे मोदी के नाम पर भाजपा को वोट देने का मन बना चूके हैं ।
युवा मत निर्णायक हमेशा साबित हुआ है ,इस बार भी रहेगा ।बेहतर होगा , यदि युवा स्वच्छ छवि के योग्य शिक्षित उम्मीदवार को वोट दें । जात-पात से अलग सोचें ।परिवर्तन को प्रोत्साहित करे ।किसी के बहकावे मे न पडें ।सामाजिक एकता एवं सौहार्द को बनाए रखने हेतु पहल करें ।चूनाव लोकतन्त्र का महापर्व है, सबकी सहभागिता सुनिश्चित करे ।शत् प्रतिशत् मतदान के लिए लोगो को जागरूक करते हुए विधानसभा को अपराधमुक्त, भ्रष्टाचारमुक्त जनकल्याणकारी जनप्रतिनीधि से परिपूर्ण करने मे योगदान करें ।
( नीतिश पाण्डेय, काशी हिन्दू विश्वविधालय से विधि स्नातक, एवं दिल्ली हाई कोर्ट मे युवा अधिवक्ता है ।बिहार.के गोपालगंज जिले के निवासी है।)






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