गांधारी के सौ पुत्रों की कहानी का सच क्या है।

गांधारी के सौ पुत्रों की कहानी का सच क्या है।
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महाभारत के अनुसार धृतराष्ट्र की पत्नि गांधारी ने सौ पुत्रो को जन्म दिया था, जिन्हे कौरव कहा जाता है मगर अब सवाल यह उठता है कि क्या कोई महिला अपने जीवनकाल मे सौ बच्चो को जन्म दे सकती है….?
क्यूंकि अगर गांधारी ने प्रत्येक बच्चे नौ महीने के अन्तराल मे पैदा किये तो भी सौ पुत्र पैदा करने मे नौ सौ महीने अर्थात 75 साल लगेंगे क्यूंकि एक महिला कम से कम 12 वर्ष की उम्र के बाद ही माँ बनने की क्षमता रखती है तो क्या गांधारी 90 वर्ष की उम्र तक बच्चे पैदा कर रही थी….?
यह बात ना तो तार्किक और ना ही धार्मिक तौर पर मानने योग्य है क्यूंकि विज्ञान मानता है कि महिला को कम से कम 10 वर्ष की उम्र मे माहवारी शुरू होती है और 50 वर्ष तक सूख जाती है यानि कि जब महिला 18 से 35 वर्ष के मध्य होती है तो उसे 5 से 7 दिनो ऋतुकाल रहता है, पर 35 की उम्र पार होते ही 2 से 3 दिन ही रह जाता है, मतलब साफ है कि 40 की उम्र तक ही महिला के गर्भाशय मे अण्डे तैयार होते है, और इसी उम्र तक पैदा हुये बच्चे स्वस्थ और निरोग होते है क्यूंकि 50 वर्ष की उम्र के बाद हार्मोंस क्षीण हो जाते हैं अतः महिला बच्चों को स्तनपान कराने मे भी सक्षम नही रहती है।
अब गांधारी भी एक महिला ही थी, कोई मशीन नही, जिसने अपने जीवन मे 101 बच्चो (एक पुत्री दुश्शाला) को जन्म दिया…. जिसे मानना मुश्किल ही है।
महाभारत ने उसके सौ पुत्रो के जन्म की अलग ही कहानी बताई है जिसे मानना और भी मुश्किल है क्यूंकि महाभारत के अनुसार व्यास ने गांधारी को सौ पुत्रो का आशीर्वाद दिया था, दो वर्ष गर्भ रहने के बाद गांधारी ने एक लोहे के पिण्ड को जन्म दिया और घबराकर उसे फेकने जा रही थी तो तभी व्यास जी ने आकर उसे रोका और उस पिण्ड के सौ टुकड़े करवा कर सौ मटको मे रखवा दिया और दो वर्ष बाद उन्हीं मटको मे से गांधारी के सौ पुत्र पैदा हुए।
इस बात पर तो कोई भी विश्वास नही करेगा, मतलब स्पष्ट है कि गांधारी के सौ पुत्रो वाली कहानी सिर्फ गढ़ी गयी है क्यूंकि वैसे भी द्वैपायन व्यास ने पूर्वकाल मे महाभारत मे 8 हजार श्लोक ही लिखे थे, जो आज बढ़कर लाखो हो गये है, तो सम्भव है कि ये बात भी झूठी ही हो।
वैसे जब से मैने पढ़ा है कि दुर्योधन और उसके 99 भाई मटके से पैदा हुये थे, तब से मेरा मानसिक संतुलन धर्मग्रंथों पर और भी खराब हो गया है।






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