रोकड़ नहीं.. यूपीआई सही..

रोकड़ नहीं.. यूपीआई सही..
रोशन जोशी
हर बरस धीरे धीरे एटीएम से रुपए निकालने की लिमिट कम होती जा रही है। ये लिमिट धीरे धीरे कुछ बरसों में मासिक 5000/- तक पहुंचाई जाएगी। किसी को आपत्ति हुई तो यही पूछा जाएगा कि अगर सब्जी भाजी वाला, चायवाला तक आपसे 10/-पेमेंट यूपीआई द्वारा लिया जा सकता है, तो आपको कैश की क्या जरूरत है? एटीएम से कैश नहीं मिलने पर कैश निकालने के लिए बैंक जाने वालों से बैंक में लेटर लिखवाए जा सकते हैं। लिख कर दो कि आपको 20,000/- भी या इससे ज्यादा भी क्यों चाहिए? पूरी दुनिया ऑनलाइन ट्रांजेक्शन कर रही है, तो आप ये 20,000/- कहां और क्यों खर्च करने वालो हो? पैसा देने से बैंक मना तो नहीं करेगा, मगर नगद देने के लिए बैंक द्वारा हां करने की गुंजाइश लगभग न के बराबर होगी, इस काम की प्रोसेस बड़ी कठिन होगी।
बड़े पैसे वाले लोगों को तो फिर भी उतनी ज्यादा प्रोब्लम नहीं जाने वाली, वो सिस्टम के साथ चलना सीख चुके हैं, सीख रहे हैं या सीख जायेंगे। समस्या होगी गरीब गर्बों को। पहले 2000/-के नोट का बाजार से प्रचलन खतम हुआ है। 500/- के नोट के बारे में फिर कभी बात करेंगे। अभी तो ये आलम है कि शनैः शनै: 200/-, 100/-, 50/- , 20/- और 10/- के नोट भी बाजार में खत्म होने लगे हैं। शायद अब धीरे धीरे सरकारें नए नोट छापना ही बंद कर दे।
जाओ कमाओ धमाओ और कमाई डायरेक्ट बैंक में ही जाने दो। खर्चा भी उधर से ही करो। हां, घर में कोई शादी, ब्याह या कोई मंगल काज हो तो शगुन के लिए 1/- या 10/- या 100/- की गड्डी चाहिए तो बैंक में लेटर देकर 18% अतिरिक्त पैसा जीएसटी देकर ले सकोगे।
ये सब गलत लग रहा हो ना, तो थोड़ा इंतजार कर के भी देख लो.. यहां चीजें बड़ी तेजी से बदल रही हैं.. सभी को बदलना होगा.. उमर का लिहाज मत बताना भाई.. 75 – 80 बरस के बुजुर्गों को भी GPay/PayTM उपयोग करते देखा जा सकता है। सीखने की कोई उम्र नहीं होती।
Related News

महाकुंभ में साकार है भारत
महाकुंभ में साकार है भारत। दिलीप मंडल महाकुंभ इतना विशाल है कि इसके अंदर कईRead More
बीजेपी क्या है ? क्या है बीजेपी ?
बीजेपी क्या है ? क्या है बीजेपी ? दिलीप मंडल – बीजेपी ओबीसी को समुचितRead More
Comments are Closed