Tuesday, September 14th, 2021

 

भावनाओं की भाषा हिंदी !

भावनाओं की भाषा हिंदी ! ध्रुव गुप्त आज 14 सितम्बर को हर साल मनाया जाने वाला हिंदी दिवस 1949 में आज ही के दिन भारत की संविधान सभा द्वारा  लिए गए उस निर्णय का उत्सव है जिसमें  भारत की राजभाषा के रूप में देवनागरी में लिखी हिंदी को मान्यता दी गई। उसके साथ शर्त यह थी कि   कि अगले पंद्रह सालों तक हिन्दी के साथ अंग्रेजी भी राजकाज की भाषा रहेगी और बाद में समीक्षा के बाद सिर्फ हिंदी को यह दर्ज़ा दिया जाएगा । ‘हिंदी दिवस’ तब से राजभाषाRead More


गरीब रैली से भड़के ‘बाबू साहब’ ने बेच दी थी बस

गरीब रैली से भड़के ‘बाबू साहब’ ने बेच दी थी बस पोलिटिकल कथा यात्रा – 4 — वीरेंद्र यादव, वरिष्‍ठ संसदीय पत्रकार, पटना — 1990 में लालू यादव के सत्‍ता में आने के बाद बिहार की राजनीतिक जमीन बदलने लगी थी। इसका असर जातीय अहंकार पर पड़ने लगा था। कुछ लोगों ने जातीय अहंकार की गांठ भी बांध ली थी। घटना बांका जिले की है। लालू यादव के मुख्‍यमंत्री बनने के बाद संभवत: 1993 में गरीब रैली पटना में हुई थी। इसे कई लोगों ने ऐतिहासिक रैली की संज्ञा भीRead More


मेक इन इंडिया को फोर्ड का झटका

फोर्ड का जाना मेक इन इंडिया के लिए बड़े झटके जैसा —— आज इस बारे में आत्मनिरीक्षण की जरूरत है कि जनरल मोटर्स और फोर्ड जैसी बहुराष्ट्रीय वाहन कंपनियां भारत जैसे बड़े बाजार और बेहतर उत्पादन सुविधाओं के बावजूद क्यों बंद हो रही हैं. साल 2010 तक हर साल 10 फीसदी की दर से बढ़ रहा वाहन बाजार आज पिछले साल जितनी बिक्री को कायम रखने में जूझ रहा है.  — राजेश जोशी पिछले करीब 10 सालों से घटती बिक्री और हजारों करोड़ रुपए के घाटे में फंसी अमेरिकी कारRead More


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