Wednesday, December 23rd, 2020
बिहार के किसान चुप क्यों हैं ?

Girindranath Jha कई बार लगता है कि लिखना चाहिए, फिर गेहूं – मक्का में लग जाता हूं। लेकिन आज एक पत्रकार साथी का फोन आया, उनका सवाल किसान आंदोलन और उसमें कहीं भी न दिख रहे बिहारी किसान को लेकर था। उनसे लंबी बात हुई। उनका सवाल वाजिब था कि बिहार के किसान चुप क्यों हैं? ऐसे सवाल मुझे मोड़ पर खड़े कर देते हैं, जहां से सारे रास्ते अनजान लगने लगते हैं। दरसअल मेरा मानना है कि बिहार के सभी जिले से किसान गायब हैं, मतलब एब्सेंट फार्मर। यहRead More
मुक्ति के दरवाजे चकला-बेलन छूटने से खुलते हैं

विनीत कुमार के फेसबुक timeline से साभार ये तस्वीर उनके लिए जिन्हें बचपन से सिखाया जाता रहा- ये चूल्हा-चौका तुम लड़कों का काम नहीं है. जिस रसोई में गलने, तपने, पकने, कूटे और पीसे जाने का काम हुआ करता है, अधिकांश भारतीय पुरूष की परवरिश उससे काटकर की जाती है. ये तस्वीर उनके लिए जिनके हिसाब से मुक्ति के सारे दरवाजे हाथ से चकला-बेलन छूटने से ही खुलते हैं. आधुनिक और आत्मनिर्भर होने के नाम पर जिस भोथरी समझ के साथ जो जीते हैं, ये तस्वीर उन्हें दोबारा से अपनीRead More
बहुरूपिया कोरोना वायरस हार मानने को तैयार नहीं

भारत में अभी तक कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन या प्रकार के मिलने की पुष्टि नहीं हुई है. लेकिन विशेषज्ञ नए वायरस के भारत पहुंचने की आशंका को खारिज भी नहीं कर रहे. – राजेश जोशी देशभर में कोरोना वायरस संक्रमण के घटते मामलों और जनवरी से टीकाकरण की तैयारी की खबरों से मिलती राहत को ब्रिटेन में कोरोना वायरस संक्रमण की सूनामी ने बहा दिया है. ब्रिटेन में आए संकट की वजह है म्यूटेशन से बना नए तरह का कोरोना वायरस, जो मूल वायरस से काफी अलग है. नएRead More