BPSC टॉपर में इतने ‘भूराबाल’

मेधा सूची में शीर्ष 19 सिर्फ ‘भूराबाल’
—- वीरेंद्र यादव ——–
बीपीएससी की 63वीं संयुक्त परीक्षा की मेधा सूची बनाने में भी आयोग ने ‘25 लखा’ खेल खेला है। मेधा सूची को अंतिम रूप देने में सवर्ण जातियों का भी पूरा ख्याल रखा गया है। पिछड़ों का कटआफ मार्क सवर्णों से 7 अंक ज्यादा है। लेकिन टॉपर करने वाले शुरू के 19 छात्र सवर्ण हैं। इसमें एकमात्र मुस्लिम सवर्ण हैं, जबकि 18 हिंदू सवर्ण यानी भूराबाल हैं। आखिर बीपीएससी के पास प्रतिभा नापने की कौन सी मशीन है, जिसमें ज्यादा अंक पिछड़ों को आता है और टॉपर बनते हैं सवर्ण।
बीपीएससी ने गुंडागर्दी घोषित रूप से की है। उसने जारी परीक्षा परिणाम में लिखा है कि क्रीमीलेयर प्रमाण पत्र इंटरव्यू के समय उपलब्ध नहीं कराने वाले कुछ परीक्षार्थियों का परिणाम रद कर दिया गया है। जबकि बिहार सरकार में क्रीमीलेयर आरक्षण का कोई आधार नहीं है। बिहार सरकार की नौकरियों में आरक्षण के दावे के लिए जाति प्रमाण पत्र देना पड़ा है, क्रीमीलेयर नहीं। क्रीमीलेयर सिर्फ केंद्र सरकार की सेवाओं के लिए मान्य है। क्रीमीलेयर ओबीसी के लिए बनता है। बीसी 1 और बीसी 2 के लिए जाति प्रमाणपत्र बनता है।

बिहार कथा
बीपीएससी के इंटरव्यू में 824 अभ्यर्थी शामिल हुए थे। इनमें से 355 का अंतिम रूप से चयन हुआ। आयोग ने समग्र रूप से यह नहीं बताया है कि किस श्रेणी के कितने अभ्यर्थियों का चयन हुआ है। आरक्षित श्रेणी के कितने लोग अनारक्षित पदों के लिए चुने गये हैं।
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नोट: बीपीएससी की गुंडागर्दी की शिकायत आपके पास भी हो तो आप हमें बतायें। उसे हम संबंधित अधिकारियों तक पहुंचाएंगे और उचित समाधान का प्रयास करेंगे। सूचना के साथ अपनी जाति का उल्लेख भी जरूर करें। हमारा संपर्क नंबर है- 9199910924
बीरेंद्र यादव के फेसबुक timeline से साभार
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