गोपालगंज पासपोर्ट सेवा केंद्र खुलने से पहले ही ठेकेदार ने मारा ताला

गोपालगंज पासपोर्ट सेवा केंद्र खुलने से पहले ही ठेकेदार ने मारा ताला, कहा-जब तक भुगतान नहीं, नहीं शुरू होने देंगे सेवा केंद्र

गोपालगंज में पासपोर्ट सेवा केंद्र खुलने की एक छोटी सी कहानी

बिहार कथा. गोपालगंज : गोपालगंज जिले में पासपोर्ट केंद्र खोलने को लेकर श्रेय की राजनीति चरम पर है. चुनाव पूर्व तत्कालीन सांसद जनक राम और बैकुंठपुर विधानसभा से भाजपा विधायक मिथिलेश तिवारी अपने अपने लेटर को लेकर पब्लिक के बीच यह संदेश देने की कोशिश करने लगे कि उनके कारण ही पासपोर्ट सेवा केंद्र खुल रहा है. लेकिन एक हकीकत यह है केंद्र सरकार का विदेश मंत्रालय हर जिले में ऐसे केंद्र खोलने की योजना है. पायलट प्रोजेक्ट के तहत बिहार के जो जिले चयनित किए गए, उसमें गोपालगंज इसलिए था क्योंकि सबसे ज्यादा पासपोर्ट बनने वाले जिले में यह जिला शामिल था. इनकी भनक लगते ही नेताओं ने भविष्य की राजनीति के लिए लेटरबाजी शुरू की और आज उसी लेटकर को दिखा कर पब्लिक के बीचे खुद को श्रेय लेने की राजनीति कर रहे हैं. लेकिन इन सब से अलग एक हकीकत यह है कि पासपोर्ट सेवा केंद्र पर अभी ठेकेदार ने ताला मारा हुआ है. इसकी सच्चाई ठेकेदार के अलावा किसी को नहीं पता है. पासपोर्ट कार्यालय के लिए जमीन चयनित हो चुकी थी. लेकिन इसके कमरा बनवाने के लिए डाक विभाग के पास पैसे नहीं थे. इसी क्रम में एक बार गोपालगंज भाजपा के जिला अध्यक्ष विनोद कुमार सिंह की मुजफ्फरपुर के एपीजीएम यानी सहायक पोस्टमास्टर जनरल से ​मुलाकात हो गई. अनौपचारिक बातचीत में पासपोर्ट सेवा केंद्र खुलने की भी बात चली. वही एपीजीएम ने कहा कि यदि कोई कमरा बनवा दे तो यह केंद्र तुरंत शुरू हो जाएगा. इसके लिए ​भाजपा अध्यक्ष विनोद कुमार सिंह ने पहल की. 3.36 लाख का ठेका भी भाजपा के कार्यकर्ता अरविंद श्रीवास्तव को मिला. ठेकेदार अरविंद श्रीवास्तव ने काम शुरू किया. काम पूरा भी हो गया. लेकिन डाक विभाग के पास भुगतान के लिए पैसे ही नहीं थे, क्योंकि वह समय वित्तिय वर्ष 2018—19 का आखिरी समय चल रहा था. ठेके का भुगतान था 3.63 लाख और देर सबेर डाक विभाग ने करीब तीन लाख का भुगतान ठेकेदार अरविंद श्रीवास्तव को कर दिया. तभी चुनाव की अधिसूचना जारी हो गई और पासपोर्ट सेवा केंद्र का औपचारिक शुरुआत अधर में लटक गया. इतना ही नहीं ठेकेदार का बकाया 63 हजार भी फंस गया. सरकार गठन के बाद भी ठेकेदार का बकाया भुगतान नहीं हुआ तो ठेकेदार ने पासपोर्ट सेवा केंद्र के कक्ष में लॉकर का ताला मार दिया. उसने औपचारिक रूप से नवनिर्मित कक्ष को डाक विभाग को हैंडओवर नहीं किया. ठेकेदार अरविंद श्रीवास्तव का कहना है कि जब तक उनका बकाया भुगतान नहीं हो जाता, कक्ष का हैंडओवर नहीं करेंगे.
इधर केंद्र की फिर से गठित मोदी सरकार रनिंग में है तो पुरानी लंबित योजनाएं रफ्तार पकड रही हैं. अब जिले के नए सासंद जदयू से डा.आलोक कुमार सुमन है. उन्होंने भी पासपोर्ट सेवा केंद्र के लिए पत्र लिख दिया, जो भी पहले से ही तैयार था बस उद्घाटन का इंतजार था. उनके पत्र के पतिउत्तर में पासपोर्ट अधिकारी ने जो ​लेटर दिया है, यदि उसे ध्यान में पढा जाए तो यह स्पष्ट हो जाएगा कि हकीकत क्या है. इसलिए सबसे पहले नेताओं को पासपोर्ट सेवा केंद्र का नया कक्ष डाक विभाग को हैंडओवर कराने के लिए उसका भुगतान कराना चाहिए. किसने खुलवाया और किसने नहीं खुलवाया इसकी राजनीति करने के बजाया उन्हें इस बात का जवाब देना चाहिए कि पासपोर्ट इनक्वारी में वैरिफिकेशन के नाम पर पुलिस जो रुपए लेती है, वह कैसे रूके.






Related News

  • हथुआ में बूथ स्तर पर पहुँचेगा जन सुराज
  • लड़कों में सम्मान के संस्कार से रुकेगा महिलाओं के प्रति अत्याचार : सुनीता साह
  • हथुआ नगर पंचायत में महिलाओं को घर में देंगे रोजगार : सुनीता संजय स्वदेश
  • ‘ नई नियमावली शिक्षकों के साथ धोखा ‘
  • तेली उत्थान समिति की कार्यकारिणी गठित
  • अवतार से अलग हैं गांधी जी के राम : संजय स्वदेश
  • `चुनाव बा, सब लोग मीठ बोली, आोहिमें सही आदमी चुनेकेबा`
  • राशन कार्ड बनवाने के नाम पर लुटी जा रही है जनता : संजय स्वदेश
  • Comments are Closed

    Share
    Social Media Auto Publish Powered By : XYZScripts.com