दर्द व दवाओं से छुटकारा दिलाती है, फिजियोथेरेपी

8 सितंबर:- वर्ल्ड फिजियोथेरेपी डे

बिहार कथा,हथुआ, गोपालगंज। आधुनिक दौर में फिजियोथेरेपी का विशेष महत्व है। गंभीर बीमारियों में दर्द व दवाओं से छुटकारा दिलाती है, फिजियोथेरेपी। जोड़ों का दर्द, कमर दर्द, गर्दन दर्द, साइटिका, गठिया व मांसपेशियों के दर्द का उपचार फिजियोथेरेपी से ही संभव है। उक्त बातें मीरगंज नगर में रविवार को विश्व फिजियोथेरेपी दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में फिजियोथेरेपिस्ट डा. प्रदीप कुमार ने कही। उन्होंने कहा कि ब्रेन स्ट्रोक, स्पाइन चोट, लकवा, ट्रामा आदि के मरीज लंबे समय तक एक बिस्तर पर लेटे रहते हैं। ऐेसे मरीजों को समय पर फिजियोथेरेपी करायी जाय, तो इसके बेहतर परिणाम निकलेंगे।
फिजियोथेरेपी मेडिकल साइंस की ऐसी प्रणाली है, जिसकी सहायता से जटिल लोगों का इलाज संभव होता है। फिजियोथेरेपी शरीर की मांसपेशियों, जोड़ों, हड्डियों व नसों के दर्द या तकलीफ वाले हिस्से की वैज्ञानिक तरीके से एक्सरसाइज, टेपिंग व मशीनों आदि के माध्यम से इलाज कर मरीजों को आराम पहुंचाया जाता है। पिछले कुछ वर्षो से इस तकनीक पर लोगों का विश्वास बढ़ा है। लेकिन वर्तमान समय में सरकारी अस्पतालों में इसकी सुविधा नहीं मिलती है।

फिजियोथेरेपी से ऑपरेशन से भी मुक्ति मिलती है 
फिजियोथेरेपिस्ट डा. प्रदीपक कुमार कहते हैं कि अगर दवा, इंजेक्शन और ऑपरेशन के बिना दर्द से राहत पाना चाहते हैं, तो फिजियोथेरेपी एक कारगर उपाय है। जानकारी के अभाव में लोग दर्द निवारक दवाएं लेते रहते हैं। जब दर्द असहनीय हो जाता है, तो लोग फिजियोथेरेपिस्ट के पास जाते हैं। फिजियोथेरेपी कमजोर पड़ते नस व मसल्स को मजबूत करता है। इस इसकी जरूरत हृदय रोग से संबंधित बीमारी से लेकर प्रेगनेंसी में भी होती है। हर प्रकार के क्रोनिक डिजीज में यह काम करता है।
वर्ल्ड कॉन्फेडेरेशन ऑफ फिजिकलथेरेपी ने आठ सितंबर को वर्ल्ड फिजियोथेरेपी डे घोषित किया है। जिससे लोगों में इसके प्रति जागरूकता बढ़े और वर्तमान समय की जीवन शैली के अनुरूप बिना किसी दुष्प्रभाव के इलाज संभव हो सके। 

इन बीमारियों में होता है कारगर इलाज 
कमर दर्द, पैर व घुटनों का दर्द, पैरो का सुन्न होना, मांसपेशियों की कमजोरी, रीढ़ की हड्डी में नसों का दबना व छल्लों का खिसकना, रीढ़ की हड्डी की टीबी, गर्दन व कंधों के बीच दर्द, पूरे हाथों की नसों में दर्द रहना, फेसियल पालसी, सरवाइकल, साइटिका व लकवा आदि गंभीर रोगों में फिजियोथेरेपी अपनी भूमिका निभाता है।

क्या कहते हैं विशेषज्ञ
फिजियोथेरेपी योग का ही शुद्ध रूप है। इसमें हम मांसपेशियों की गतिविधि समझ कर उसका इलाज करते हैं। सीनियर सिटिजन, स्पोर्टस पर्सन और गंभीर चोटों का इलाज इस विधि द्वारा आसानी से किया जाता है।
डा. प्रदीप कुमार, फिजियोथेरेपिस्ट, मीरगंज






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