अग्नि पुराण में पुआल जलाने की कथा

अग्नि पुराण में पराली या पुआल जलाने की कथा।
पंडित वी. एस. पेरियार
पराली जलाना किसानों की परंपरा है, कल्चर है, धर्म है, इसे रोकना उनकी आस्था का हनन है.
एक बार अग्नि देवता किसानों से नाराज हो गये. उनके शाप से किसानों की फसल तैयार होते ही जल जाती थी.
किसानों ने अग्नि देवता को खुश करने के लिए विशाल यज्ञ किया.
अग्नि देवता ने प्रसन्न होकर वर दिया कि अब किसानों के अनाज को कोई नुकसान नहीं होगा परंतु किसानों को पराली जलाकर अग्नि देवता की भूख शांत करनी होगी.
जो किसान पराली जलायेंगे उन पर अग्नि देवता की कृपा बनी रहेगी और उन्हें मोक्ष मिलेगा.
जो किसान पराली नहीं जलायेंगे उनसे अग्नि देवता नाराज होंगे और उन्हें नरक जाना पड़ेगा.
इसलिए पराली जलाना किसानों का वैसे ही धर्म है जैसे पटाखे जलाना दिल्ली वाले हिंदुओं का धर्म है.
सुबूत मांगना तो पहले ब्राह्मण कथाओं मे बिना सुबूत विश्वास बंद करो वरना दिव्यदृष्टि मेरे पास भी है. 😉
( वरिष्ठ पत्रकार दिलीपमंडल के फेसबुक टाइमलाइन से साभार)
Related News

महाकुंभ में साकार है भारत
महाकुंभ में साकार है भारत। दिलीप मंडल महाकुंभ इतना विशाल है कि इसके अंदर कईRead More
बीजेपी क्या है ? क्या है बीजेपी ?
बीजेपी क्या है ? क्या है बीजेपी ? दिलीप मंडल – बीजेपी ओबीसी को समुचितRead More
Comments are Closed