कृत्रिम दूध पीने वाले बच्चों का कद होता है छोटा

न्यूयॉर्क. ए. गाय या किसी अन्यकृत्रिम दूध पीने वाले बच्चों का कद होता है छोटा
न्यूयॉर्क. ए. गाय या किसी अन्य जानवर के दूध की बजाय कृत्रिम दूध पीने वाले बच्चों का कद छोटा रह जाता है. वैज्ञानिकों ने एक नए अध्ययन में यह दावा है. वैज्ञानिकों ने कृत्रिम दूध जैसे सोया, बादाम या चावल का दूध पीने वाले बच्चों के लिए खासतौर पर यह बताया है. अमेरिकन जर्नल क्लीनिकल न्यूट्रीशन में प्रकाशित अध्ययन के मुताबिक, रोजाना एक कप कृत्रिम दूध पीने वाले बच्चों की लंबाई अपने समकक्षों से 0.4 सेंटीमीटर (0.15 इंच) तक कम रह जाती है.
प्रमुख शोधकर्ता डॉ. जोनाथन ने बताया कि तीन कप कृत्रिम दूध पीने वाले तीन साल के बच्चे की लंबाई इसी उम्र में इतना ही गाय का दूध पीने वाले बच्चे की अपेक्षा 1.5 सेंटीमीटर तक कम रह जाती है. तीन साल के उम्र के बच्चे की लंबाई में इससे आधे इंच का फर्क पड़ता है. शोधकर्ताओं ने 2008 दिसंबर से 2015 सितंबर तक दो से छह साल के 5034 स्वस्थ बच्चों पर इसका अध्ययन किया. इनकी औसत उम्र 38 माह थी. इसमें 51 फीसदी लड़के थे.
शोध से पता चला कि स्वस्थ बच्चों में पांच फीसदी बच्चे केवल कृत्रिम दूध पी रहे थे, लगभग 84 फीसदी गाय का दूध पी रहे थे, आठ फीसदी कृत्रिम दूध के साथ ही गाय का दूध भी पी रहे थे और 3 फीसदी कोई भी दूध नहीं पी रहे थे. प्रो. एमी जॉय लानू ने बताया कि बच्चों के लंबे होने का मतलब है, उनका स्वस्थ होना, ऐसे बच्चों के लिए गाय का दूध बहुत जरूरी है.
जानवर के दूध की बजाय कृत्रिम दूध पीने वाले बच्चों का कद छोटा रह जाता है. वैज्ञानिकों ने एक नए अध्ययन में यह दावा है. वैज्ञानिकों ने कृत्रिम दूध जैसे सोया, बादाम या चावल का दूध पीने वाले बच्चों के लिए खासतौर पर यह बताया है. अमेरिकन जर्नल क्लीनिकल न्यूट्रीशन में प्रकाशित अध्ययन के मुताबिक, रोजाना एक कप कृत्रिम दूध पीने वाले बच्चों की लंबाई अपने समकक्षों से 0.4 सेंटीमीटर (0.15 इंच) तक कम रह जाती है.
प्रमुख शोधकर्ता डॉ. जोनाथन ने बताया कि तीन कप कृत्रिम दूध पीने वाले तीन साल के बच्चे की लंबाई इसी उम्र में इतना ही गाय का दूध पीने वाले बच्चे की अपेक्षा 1.5 सेंटीमीटर तक कम रह जाती है. तीन साल के उम्र के बच्चे की लंबाई में इससे आधे इंच का फर्क पड़ता है. शोधकर्ताओं ने 2008 दिसंबर से 2015 सितंबर तक दो से छह साल के 5034 स्वस्थ बच्चों पर इसका अध्ययन किया. इनकी औसत उम्र 38 माह थी. इसमें 51 फीसदी लड़के थे.
शोध से पता चला कि स्वस्थ बच्चों में पांच फीसदी बच्चे केवल कृत्रिम दूध पी रहे थे, लगभग 84 फीसदी गाय का दूध पी रहे थे, आठ फीसदी कृत्रिम दूध के साथ ही गाय का दूध भी पी रहे थे और 3 फीसदी कोई भी दूध नहीं पी रहे थे. प्रो. एमी जॉय लानू ने बताया कि बच्चों के लंबे होने का मतलब है, उनका स्वस्थ होना, ऐसे बच्चों के लिए गाय का दूध बहुत जरूरी है.






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