चारा घोटाला : पशुओं की दवाई के फर्जी बिल से लाखों डकारने वाले तीन अफसरों को सजा

पूर्व क्षेत्रीय निदेशक समेत तीन लोगों कठोर कारावास की सजा
विशेष संवाददाता, बिहार कथा
पटना. बिहार में करोड़ों रुपयों के चारा घोटाला के एक मामले में केन्द्रीय जांच ब्यूरो की विशेष अदालत ने आज पशुपालन विभाग, पूर्णिया के पूर्व क्षेत्रीय निदेशक सीताराम सिंह समेत तीन लोगों को तीन-तीन वर्ष के सश्रम कारावास की सजा के साथ ढ़ाई-ढ़ाई लाख रुपये का जुर्माना भी किया. चारा घोटाला मामलों की सुनवाई कर रहे ब्यूरो के विशेष न्यायाधीश देवराज त्रिपाठी ने यहां मामले में सुनवाई के बाद पशुपालन विभाग, पूर्णिंया के पूर्व क्षेत्रीय निदेशक श्री सिंह , चलंत पशु चिकित्सा पदाधिकारी नागेन्द्र साह और लेखा लिपिक चंद्रशेखर प्रसाद को भारतीय दंड विधान और भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की विभिन्न धाराओं में दोषी करार देने के बाद यह सजा सुनाई है. जुर्माने की राशि अदा नहीं करने पर दोषियों को ढ़ाई-ढ़ाई साल के कारावास की सजा अलग से भुगतनी होगी.  आरोप के अनुसार वर्ष 1995-96 के दौरान दोषियों ने दवा आपूर्तिकर्ता और बजट पदाधिकारी के साथ मिलकर फर्जी स्वीकृति आदेश और फर्जी विपत्रों के आधार पर लाखों रुपयों का घोटाला किया था. मामले की सुनवाई के दौरान दवा आपूर्तिकर्ता महेन्द्र प्रसाद और बजट पदाधिकारी ब्रज भूषण प्रसाद की मृत्यु हो गई थी.






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