बिहार चुनाव में संजय यादव ने 2 घंटे में फोड़ा था भाजपा के एक्जिट पोल का गुब्बार
प्रिय मित्र संजय यादव को पढ़िए। संजय यादव बिहार के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के पॉलिटिकल एडवाइज़र हैं। 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव में इनका सक्सेस रेट प्रशांत किशोर से बढ़िया था!
8 नवंबर 2015 की सुबह, बिहार चुनावों के नतीजों का दिन। रात भर नींद नहीं आयी थी इसलिए हम सभी जगे हुए थे।
टहलते-टहलते सुबह 6 बजे ही लालू जी के साथ सरकारी आवास के मुख्य द्वार की छोटी झांकी से निकले , लालू जी ने बाहर जुटे मीडिया के बंधुओं को गुड़ मॉर्निंग किया, विक्ट्री साइन बनाया और छाती ठोक कर कहा कि हम 180 से 190 सीटें जीत रहे है। आपने जो दिखाना है दिखाओ।
चाय की चुस्कियों के साथ टीवी पर नजर। वोटों की गिनती शुरू हुई, पोस्टल बैलेटस् की गिनती शुरू हुए 10 मिनट भी नहीं हुए थे कि मीडिया ने रुझान बीजेपी के पक्ष में दिखा दिया।
पुरे बिहार भर में अपने सूत्रों से पता करने लगा तो पता चला भैया अभी तो कंट्रोल रूम से EVMs भी नहीं निकली है। काउंटिंग शुरू भी नहीं हुई, रुझान की बात तो बहुत दूर।
खैर, 9:30 बजते-बजते तो न्यूज़ स्टूडियो में बैठे सभी चैनलों के एंकर्स, राजनीतिक विश्लेषक, तथाकथित जातिवादी बुद्धिजीवी, बीजेपी के अंहकारी प्रवक्ता सभी लालू यादव को अनाप-शनाप बकने लगें, लालू यादव की political obitury बतियाने लगे। नीतीश कुमार को लालू यादव के साथ हाथ मिलाने की सजा देने लगे…इत्यादि इत्यादि।
यहाँ तक की 9:45 पर भाजपाई बिहार बीजेपी के कार्यालय में जय श्रीराम के उदघोष के साथ बड़े बड़े बमनुमा पटाखे फोड़कर जीत का जश्न मनाने लगे।
और फिर अगले 2 घंटो में हम बीजेपी और समर्थित मीडिया का सुपड़ा साफ कर चुके थे। यकीन ना आये तो गुगल पर बिहार चुनावों के सर्वे एवं एग्जिट पोल देख लीजीये
भाइयों, बाकी विस्तृत रूप में क्या बताऊँ, आप खुद समझदार है।
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