…तो नीतीश संग पींगे बढ़ाएंगे मोदी !
सुभाष चन्द्र
दिल्ली में जिस तरह से भारतीय जनता पार्टी के नेता आत्मविश्वास से लबरेज थे और चारों खाने चित हो गए, वैसा हाल बिहार में नहीं होना चाहिए। बिहार की राजनीति दूसरे प्रदेशों से अलग है। लिहाजा, भाजपा को वहां सत्ता हासिल करना है। इसके लिए अब भाजपा के मातृसंगठन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने भी कमर कस ली है। भाजपा को दो टूक सुनाया गया है और कहा गया है कि जनता दल यू के नेता और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की ओर एक बार फिर से दोस्ती का हाथ बढ़Þाना चाहिए। हालांकि, संघ ने केवल सलाह दी और निर्णय भाजपा को करना है। हालांकि, सियासी गलियारों में चर्चा सरेआम हो रही है कि संघ औपचारिक रूप से सलाह ही देती है, जो भाजपा के लिए आदेश माना जाता है। ऐसे में सवाल उठना लाजिमी है कि क्या वाकई भाजपा नेता और देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नीतीश कुमार के संग दोस्ती करेंगे !
असल में, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने भाजपा को बिहार पर खास तैयारी करने को भी कहा। बिहार में पार्टी का संगठन है, लेकिन संघ चाहता है कि बिहार में और तेजी से काम होना चाहिए। संघ के पदाधिकारियों का मानना है कि कि दिल्ली की तरह ओवर कॉन्फिडेंस में नहीं रहना चाहिए। यह मौका है कि कुछ और राज्यों में पार्टी का विस्तार हो। जिस प्रकार की खबरें आजकल संघ के पदाधिकारियों के पास पहुंच रही है, उसके मुताबिक भाजपा-संघ की बैठक में संघ ने बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर भाजपा को जेडीयू नेता नीतीश कुमार से दोस्ती करने की सलाह दी है। संघ ने बिहार भाजपा से कहा कि जेडीयू को कांग्रेस और आरजेडी से अलग करना हुए चुनाव में फायदा पहुंचा सकता है। संघ ने इसका फैसला भाजपा पर छोड़ा। इसी साल बिहार में होने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए संघ ने भाजपा को नीतीश कुमार से दोस्ती की सलाह दी है। लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा -जदयू के बीच गठबंधन खत्म हो गया था। हालांकि संघ की ओर से केवल इस संबंध में सलाह मात्र दी गई है और नीतीश की पार्टी के साथ गठबंधन करना है या नहीं इसका पूरा फैसला भाजपा पर ही छोड़ दिया है।
उल्लेखनीय है कि शहीदी दिवस के दिन यानी 23 मार्च, 2015 को नई दिल्ली में भाजपा नेता और केंद्र मंत्री नीतिन गडकरी के आवास पर संघ और भाजपा नेताओं की समन्वय बैठक हुई। संगठन की ओर से अमित शाह, संगठन महामंत्री रामलाल और महामंत्री राम माधव थे, जबकि संघ की ओर से उनकी सेकेंड कमांड के भैया जी जोशी, सुरेश सोनी आदि मौजूद थे। आधिकारिक तौर पर इस बैठक के बारे में सिर्फ इतना ही बताया गया कि बैठक में देश की ताजा राजनीतिक स्थिति पर विचार किया गया। लेकिन पार्टी सूत्रों का कहना है कि इस बैठक में पिछले दिनों नागपुर में हुई संघ की प्रतिनिधि सभा में लिए गए फैसलों की जानकारी भाजपा और सरकार के मंत्रियों को दी गई और उनसे कहा गया कि संघ के अजेंडे के मुताबिक सुधार कार्य किए जाने चाहिए।
असल में, भाजपा के कार्यकर्ता हर राज्य से शिकायत कर रहे हैं कि उन्हें लगता ही नहीं कि उनकी सरकार केंद्र में है। यह शिकायत आम है कि मंत्रियों तक पहुंच कठिन हो गई है। पार्टी में भी कमोबेश यही स्थिति है। सूत्रों का कहना है कि संघ ने इस शिकायत के निवारण के लिए एक अलग टीम बनाने का आग्रह भाजपा से किया है। इस टीम ने क्या किया, इसकी मॉनिटरिंग संघ खुद करेगा।
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