ओह गॉड ! लॉकडाउन के साइड इफ़ेक्ट

© Abhinav Mishra

जैसे ही नींद खुली सुबह तेज शोर शराबा सुनाई दिया, पता चला कि सामने अपार्टमेंट में एक व्यक्ति जो कि बैंक पीओ की नौकरी छोड़ कर सिविल सेवा की तैयारी कर रहे थे और तीन बार यूपीएससी और स्टेट सिविल सेवा के साक्षात्कार तक पहुंचे थे ; उन्होंने फांसी लगा ली, सम्भवतः घरेलू विवाद भी कारण था, अपने पीछे वो पत्नी और एक साल की प्यारी सी बच्ची छोड़ गए.

थोड़े दिन पहले ही एक कलाकार मित्र ने इंदौर की अपनी कलाकार मित्र के सुसाइड की खबर शेयर की थी, पढ़कर दुख हुआ कि अभी तो पूरा जीवन पड़ा था, उनकी मित्र का फेसबुक प्रोफाइल चेक किया, वह बहुत ही काबिल कलाकार थी, ढेर सारी संभावनाओं से भरी हुई !

बोकारो में अभी कुछ दिन पहले की ही खबर थी कि 19 दिनों के लॉकडाउन के दौरान सुसाइड से 9 लोग गुजर गए जबकि कोरोना से सिर्फ एक व्यक्ति की मौत हुई थी. केरल से लेकर बिहार तक इस तरह की खबरें आ रही हैं. पूरी दुनियां में इस दौरान यूरोप से लेकर अमेरिका तक इस तरह के केस काफी बढ़ गए हैं.

पलामू जैसे छोटे से जिले में लॉक डाउन के दौरान सुसाइड से 22 मौते हुई हैं. पूरे भारत मे आजकल टीवी/सिनेमा एक्टर/एक्ट्रेस, व्यापारी, आर्थिक संकट से पीड़ित व्यक्ति, श्रमिक, कलाकार आदि आत्महत्या कर ले रहे हैं. कई ऐसे केसेज़ हैं जिनमे लोग कोरोना पॉजिटव होने के शक में बिना कोरोना संक्रमण के आत्महत्या कर लिए.

19 मार्च से 2 मई तक के लॉकडाउन अवधि के दौरान को लेकर हुए एक शोध में भी ये बात सामने आई कि लॉक डाउन से सम्बंधित मौतों में सर्वाधिक मौते सुसाइड के कारण हुई अकेलापन, कोविड पॉजिटिव होने के शक, आवाजाही की स्वतंत्रता छीनने और लॉक डाउन के ही वजह से शराब छूटने के कारण सुसाइड दर में इजाफा हुई.

वास्तव में लॉक डाउन से उत्पन्न अवसाद, बेवजह आवाजाही पर रोक, आर्थिक संकट, आपसी पारिवारिक वाद-विवादों में वृद्धि, अकेलापन आदि के कारण भारत मे भी सुसाइड दर में व्यापक वृद्धि हुई है. ऐसे में कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है-

1.अपने साथी या सम्बन्धी जो आपको लगे कि मानसिक या आर्थिक संकट में हो तो उन्हें फोन मिलाएं, उनका कुशल क्षेम पूछते रहिए. सक्षम हो तो उनकी आर्थिक मदद करें.

2.आपस मे संवाद करते रहे. छोटी छोटी बातों में आपसी लड़ाई कम करे. कभी किसी बात पर कहासुनी हो भी जाए तो उसे ईगो का प्रश्न न बनाएं,हो सकता है आपमे से कोई एक पक्ष मानसिक तनाव में ज्यादा हो. झुकना सीखें, इस समय लोगो के मानसिक हालात सामान्य दिनों की तरह नहीं है.

3. कोरोना सम्बन्धी आंकड़ो को देख कर दिन रात नकारात्मक ऊर्जा न भरें। प्रायः काफी व्हाट्सप ग्रुप्स में रात में सोने जाते वक्त कुछ लोग संक्रमण चार्ट भेजते हुए पाए जाते हैं. न्यूज़ देखते सुनते हुए जानकारी मिल जा रही है तो रख लीजिए और सतर्क रहिए, पर मिनट मिनट कोरोना संक्रमण अपडेट ही मत देखते रहिए.

4. मन पसंदीदा गाने सुनते रहिए, खुद को मोटिवेट रखिए। योग, मेडिटेशन बहुत कारगर है. ब्रीदिंग एक्सरसाइज़ और अन्य योग के साथ साथ अपनी प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाले घरेलू उपाय करते रहिए.

5. कठिन से कठिन दौर भी सब्र से गुजर जाता है, धैर्य रखें। सैलरी घटने, नौकरी जाने का भय रहता है तो भी उसे अपने उपर इतना न हावी न होने दे की आप छत से कूद जाए. मानसिक रूप से मजबूत रहे. 

6. आजकल इस तरह की खबरे आ रही हैं कि बच्चे फलां प्रतिष्ठित विद्यालय में पढ़ रहे थे, सैलरी घटने या अन्य आर्थिक कारण से फीस देने में अक्षम हो गए थे, ठीक है, पर क्या इसके लिए जान देना उचित विकल्प है ? बच्चे वहां पढ़ लेंगे जहां फीस बेहद कम है या न के बराबर है. कुछ और रास्ते निकल सकते हैं. सीधे जान ही देने से किसी न किसी की फीस माफ होगी न परिवार आर्थिक संकट से बाहर आ जाएगा, बच्चों का भविष्य जो खराब होगा वो तो होगा ही.

7. कठिन दौर है, समस्याएं हैं पर उन्हें अपने ऊपर हावी मत होने दे। अपनी समस्या मन मे ही न रखें, बल्कि उसे अपने करीबियों से शेयर करें, इससे आप कत्तई छोटा नहीं होंगे.

8. किसी परीक्षा में पास न होने से परेशान न हो, जीवन बहुत अनमोल है, रास्ते खुद ब खुद निकल आएंगे, जीवन की परीक्षा में विफल न हो वो ज्यादा जरूरी है.

कुल मिलाकर सकारात्मक रहने का खूब प्रयास करें, संकट की घड़ी जरूर है, पर निराशा को आसपास न फटकने दे. मानसिक चिड़चिड़ापन दूर करें, जहां भी हो सकारात्मक रहने का प्रयास करें, अपने आस पास सकारात्मक वातावरण बनाए रहें, उन लोगो को भी समझाएं जो मानसिक रूप से कमजोर होते जा रहे हैं, उन्हें खुशियां दे, अहसास दिलाएं की जल्दी ही चीजे ठीक हो जाएंगी।

आज इटली में इतने लोग मर गए, अमेरिका में इतने लोग पॉजिटिव हो गए, महाराष्ट्र में ये हो गया, सब खत्म हो जाएगा वाले पोस्ट से भी बचे. सावधान रहें, सतर्क रहें, सुरक्षित रहें, दिन रात आंकड़ो में ही न उलझे रहे.

अपने रूह की खिड़कियां खोलकर
गुनगुनाइए, गाइये
जिंदगी जल्द मुस्कुराएगी (ब्रदर रिचर्ड)

© Abhinav Mishra
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