बिहार की महिला विधायकों ने मांगा आरक्षण

बिहार की महिला विधायकों ने मांगा आरक्षण
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस
पटना. दलीय राजनीति से ऊपर उठकर शुक्रवार को सभी दलों की महिला विधायकों ने आधी आबादी के पक्ष मेंअपनी आवाज बुलंद की। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस (8 मार्च) के दो दिन पूर्व ‘आधी आबादी को आधी हिस्सेदारी’ के नारे के साथ विधायिका में महिलाओं को 50 फीसदी आरक्षण की इन्होंने मांग की।
विधानसभा की कार्यवाही शुरू होते ही जदयू विधायक व पूर्व मंत्री डॉ. रंजू गीता ने सभाध्यक्ष विजय चौधरी से कहा कि उन्हें कुछ कहना है। अनुमति मिलने पर कहा कि 8 मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस है और उस दिन रविवार है। शुक्रवार के बाद सदन की कार्यवाही अब होली की छुट्टी के कारण 16 मार्च से शुरू होगी। इसलिए आज ही महिलाओं की मांग वह उठा रही हैं। इसके बाद रंजू गीता समेत पक्ष-विपक्ष की सभी महिला विधायक वेल में तख्तियों संग पहुंच गईं। इन्होंने आधी आबादी जिंदाबाद, कल्पना चावला अमर रहें, विधायिका में महिलाओं को 50 फीसदी आरक्षण देना होगा, जैसे कई नारे लगाए। इस प्रदर्शन में सदन में मौजूद सभी दलों की महिला विधायक शामिल थीं।
इनके प्रदर्शन के बीच सभाध्यक्ष ने राज्य, देश और पूरे विश्व की महिलाओं को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की बधाई दी। उन्होंने कहा कि जो मेल आज पक्ष-विपक्ष का दिख रहा है उससे स्पष्ट है कि प्रदेश में महिलाओं का भविष्य उज्ज्वल है। उन्होंने आग्रह किया कि अब आप अपनी-अपनी सीटों पर लौट जाइए नहीं तो एकता में फूट पड़ जाएगी। उनके आग्रह के बाद सभी महिला सदस्य अपने स्थान पर लौट गईं।
महिला विधायकों ने आरक्षण की मांग को लेकर विस परिसर में भी तख्तियों संग प्रदर्शन किया। इसमें डॉ. रंजू गीता, लेसी सिंह, स्वीटी सीमा हेम्ब्रम, पूनम देवी यादव, गुलजार देवी, वीणा देवी, गायत्री देवी, सुनीता चौहान, भागीरथी देवी, रिंकी रानी पांडेय, अरुणा देवी, रेखा देवी आदि शामिल थीं।






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