जानिए कैसे हुआ मगध का नामकरण
सुबोध गुप्ता
ब्राह्मणोत्पति मार्तण्ड पृष्ठ 541 -543 एवं भविष्य पुराण का अध्याय 133 से ज्ञात होता है कि जाम्ववती के गर्भ से उत्पन्न श्रीकृष्ण का पुत्र ‘साम्ब’, जिसने सूर्यदेव का मंदिर बनवाया था, को जब पूजा पाठ करने के लिए उसे ब्राम्हण नहीं मिले तो उसने शाकद्वीप से कुछ ब्राम्हणों को बुलाकर चंद्रभागा नदी के तट पर बसा दिया. शाकद्वीप के निवासियों के पुरोहित,जो सूर्यदेव के पुजारी थे,’ मग’ कहलाते थे. सूर्य पूजा शाकद्वीपस्थ जाति का मुख्य धर्म था.‘जान पड़ता है मग लोग अधिक संख्या में बिहार प्रान्त में जा बसे, जिससे उसका नाम ‘मगध’ पड़ गया. क्योंकि मगध‘ शब्द की व्युत्पति के बारे में कहा जाता है कि जो मग जाति को धारण करे वह मगध है. वही मग लोग अपने साथ ‘सूर्योपासना’ भी लाये थे. इसीलिए मगध का छठ पर्व अति प्राचीन है .
साभार : आखिर कौन था -हेमू ? ( प्रकरण : उसका सम्बन्ध सासाराम से )
शोध कर्ता : सुबोध गुप्ता
रौनियार सेवा संसथान ( दिल्ली)
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