पुरुष के मन की वासना को मार देता है भारतीय नारी का सौंदर्य
संजय तिवारी मणिभद्र
एक समय तक भाभाजी घर पर हैं की नायिका रही शिल्पा शिंदे का कैरेक्टर अंगूरी भाभी के रूप में आती रहीं। उनके चरित्र की कल्पना कुछ ऐसी की गयी थी कि वो गांव से आयी एक सीधी सादी स्त्री हैं जो देशज भाषा में बात करती हैं और सहज साज श्रृंगार करती हैं। वो एक भोली भाली महिला है जिन्हें उनका पति पगली या बौड़म तक कहता रहता है।
लेकिन इस सीरियल का सफलता का सबसे बड़ा कारण बौड़म अंगूरी भाभी का कैरेक्टर ही थी। उनका सही पकड़े है वाला डॉयलॉग एक समय में खूब फेमस भी हुआ था।
लेकिन यहां हम एक दूसरी बात पूछ रहे हैं। क्या अंगूरी भाभी का कैरेक्टर देखकर आपके मन में कभी कोई वासना जागी? आमतौर पर फिल्मी पर्दे पर नायिकाओं का कैरेक्टर गढते समय पुरुष के वासना पर प्रहार किया जाता है। उनके कपड़े, उनके कई ऐसे सीन जो पुरुष में उत्तेजना पैदा करते हैं।
लेकिन अंगूरी भाभी का कैरेक्टर ऐसा था कि उन्हें देखकर पुरुष की वासना नहीं जागती थी। इसका कारण उनका बौड़म होना नहीं था। कारण था उनका भारतीय श्रृंगार। वो जिस तरह से कपड़े पहनती थी, श्रृंगार करती थीं वह पुरुष के मन में लावण्य तो पैदा करता है लेकिन कामुकता पैदा नहीं होने देता।
यह अंगूरी भाभी का नहीं बल्कि भारत के श्रृगांर का सौंदर्य है। भारत का श्रृंगार दर्शन इतना अद्भुद है कि संपूर्णता में वह पुरुष की कामुकता को ही नष्ट करके उसे प्रेम और लावण्य से भर देता है। चूड़ियों की खनक हो या पायल की झंकार, माथे की बिंदी हो या गले का हार। अपनी संपूर्णता में वह पुरुष के मन की वासना को मार देता है।
यही भारत में स्त्रियों का सौंदर्य दर्शन रहा है। श्रृंगार में हमने लावण्यता और प्रेम पिरोया था। पुरुष की वासना को नियंत्रित करने के लिए हमने उसे बोरा नहीं ओढाया। यह काम उसके श्रृंगार ने ही कर दिया था। दुर्भाग्य से अब उस श्रृंगार को उतारकर महिलाएं एक देह बनती जा रही है। एक ऐसी देह जो पुरुष के प्रेम को नहीं बल्कि उसकी कामुकता को जगाता फिरता हो।
(संजय तिवारी मणिभद्र के फेसबुक पेज से साभार)
Related News
इसलिए कहा जाता है भिखारी ठाकुर को भोजपुरी का शेक्सपियर
स्व. भिखारी ठाकुर की जयंती पर विशेष सबसे कठिन जाति अपमाना / ध्रुव गुप्त लोकभाषाRead More
कहां जाएगी पत्रकारिता..जब उसकी पढ़ाई का ऐसा हाल होगा..
उमेश चतुर्वेदी हाल के दिनों में मेरा साबका पत्रकारिता के कुछ विद्यार्थियों से हुआ…सभी विद्यार्थीRead More
Comments are Closed