सात दशक के गणतंत्र में जवान होता भारत

देश आजाद हो चुका था अब चुनौती थी देश को अपने नियम अपने बनाए कानूनों पर चलाने की. इसके लिए 2 साल 11 महीने और 18 दिन डॉ भीमराव अंबेडकर ने कड़ी मेहनत की. और अंग्रेजों के संविधान से अलग अपना अलग संविधान बनाया. भारत का संविधान 26 जनवरी 1950 को 10 बजकर 18 मिनट पर लागू हो गया. 26 जनवरी 1950 को भारत के पहले राष्‍ट्रपति डॉ. राजेन्‍द्र प्रसाद ने 21 तोपों की सलामी के साथ तिरंगा फहराकर भारतीय गणतंत्र के ऐतिहासिक जन्‍म की घो‍षणा की. तब से आज तक हर साल देश गणतंत्र दिवस गर्व और उत्साह के साथ मनाता है

उल्टाचश्मा डॉटकॉम से साभार

जब से देश आजाद हुआ तब से दुनिया भर में भारत की छवि सपेरों के देश के तौर पर रही. विकासशील देशों की सूची में पड़े भारत ने पिछले 70 सालों में विकसित देशों को ये बता दिया है कि भारत किसी से कम नहीं. देश में अपने नियम कानून लागू हुए 70 साल हो चुके हैं. इस मौके पर ये जानना जरूरी है कि 70 साल की यात्रा के बाद देश ने तकनीक के मामले में कितनी तरक्की की आर्थिक मसलों में कितना मजबूत हुआ. सांस्कृतिक विरासतों को कितना संभाला और धर्मनिर्पेक्षता की अपनी अनूठी ताकत के साथ कहां खड़ा है.
अंग्रेजों ने 300 साल तक भारत पर राज किया. इन 300 सालों में सोने की चिड़िया के पर कतर डाले. लेकिन आजादी के बाद भारत ने आर्थिक क्षेत्र में ऐसी छलांग लगाई कि आज 2,300 अरब डॉलर के सकल घरेलू उत्पाद वाला भारत दुनिया की सातवीं बड़ी अर्थव्यवस्था है. 7.5 फीसदी विकास दर के साथ भारत इस वक्त दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ने वाली ताकत है. 2022 तक भारत ग्रेट ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी को पीछे छोड़कर चौथे नंबर पर आ सकता है.
70 साल के गणतंत्र में जवान होते भारत में बात तकनीक की हो तो हिंदुस्तान का कोई सानी नहीं है. तकनीकी तौर पर विकसित देशों में भारत का छठवां नंबर है. हमारा देश दुनिया का सबसे बड़ा आईटी हब है. बैंगलौर में सिलिकॉन वैली विकसित की गई है. आईटी और सॉफ्टवेयर के क्षेत्र में भारत ने काफी तरक्‍की कर ली है. भारत की संस्‍कृत भाषा को कंप्‍यूटर के लिए सबसे आसान भाषा माना जाता है. यही वजह है कि नासा भी अपने कंप्‍यूटर सॉफ्टवेयर में संस्‍कृत को शामिल करने का मन बना रहा है. तकनीक के मामले में भारत से पहले जर्मनी, साउथ, कोरिया, अमेरिका, फिनलैंड और जापान हैं. हम जिस तेजी से भारत आईटी के क्षेत्र में पैर फैला रहा है उस हिसाब से बहुत जल्द तकनीक के क्षेत्र में भारत का दबदबा होगा
तकनीक और आधुनिकता की इस आंधी में 70 साल के गणतंत्र ने 5 हाजर साल पुरानी अपनी सांस्कृतिक विरासत को भी संभालकर रखा है. सिंधु और गंगा से विकसित हुई भरतीय सभ्यता ने अपने सांस्कृतिक रंगों से दुनिया को हैरान किया है. यहां की सांस्कृतिक विविधता ऐसी है कहा जाता है कि भारत में 2 कोस पर पानी और 5 कोस पर वाणी बदल जाती है. तमाम जातियो धर्मों संप्रदायों को एक माला में पिरोकर रखने वाला हिंदुस्तान एकलौता देश है.  हिंदुस्तान की सांस्कृतिक विरासतों की गवाह 26 जनवरी की तारीख हर साल बनती है और अलग अलग झांकियों में सजी संस्कृतियों की तस्वीरें जब राजपथ पर झांकियों की शक्ल में निकलती हैं दुनिया दंग रह जाती है.26 जनवरी की परेड में जब जवान कदम ताल करते हुए निकलते हैं तो दुश्मनों को हौसले पस्त हो जा जाते हैं..70 साल के गणतंत्र में भारत की सेना दुनिया की टॉप-5 ताकतवर सेनाओं में से एक है. ग्लोबल फायरपावर की तरफ से जारी की गई लिस्ट के मुताबिक भारत के पास दुनिया की चौथी ताकतवर सेना है. सैन्य शक्ति के आधार पर भारत से पहले केवल अमेरिका, रूस और चीन हैं.

आर्थिक सामरिक सांस्कृतिक और तकनीक के मामले में हिंदुस्तान ने दिखा दिया है कि गुलामी की जंजीरों में जकड़े रहने के बावजूद जिस रफ्तार से हिंदुस्तानियों ने आंतराष्ट्रीय स्तर पर अपना परचम बुलंद किया है. वो देश को विश्वगुरू बनाने के सपने को जल्दी ही साकार करेगा. परमाणु हथियार, अंतरिक्ष विज्ञान, तकनीक, ऑटोमोबाइल, चिकित्सा, शिक्षा, मनोरंजन ऐसा कोई क्षेत्र नहीं है जहां भारत ने झंडे नहीं गाड़े. भारत जिस स्पीड से आगे बढ़ रहा है उस हिसाब से विश्वगुरू का सपना बहुत बड़ी बात नहीं है. लेकिन अगर राजनीतिक हितों को अलग कर दें तो.






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