बिहार में मौत का धंधा! करोड़ों की नकली दवा बरामद, 3 गिरफ्तार

पटना biharkatha.com . बिहार में दवा के कारोबारी मौत का कारोबार कर रहे हैं.  पटना में शुक्रवार को नकली व एक्सपायरी दवाइयों का जखीरा बरामद हुआ है। पुलिस ने करोड़ों की नकली दवाइयां जब्त की है। आलमगंज के बिस्कोमान कॉलोनी में एक्सपायरी दवाओं पर नकली रैपर लगाते हुए एक दबोचा गया। गुप्त सूचना के आधार पर पुलिस ने राजधानी व इसके आसपास के इलाकों में चल रहे नकली व एक्सपायरी दवाओं के धंधेबाजों के खिलाफ अभियान चलाया। इसी क्रम में दोपहर में कदमकुआं थाने के बंगाली अखाड़ा के समीप एक घर में छापेमारी की गयी। छापेमारी में रविशंकर कुमार एक्सपायरी दवाओं के ऊपर रैपर लगाते हुए रंगेहाथ पकड़ा गया। पुलिस ने उसके कर्मचारी अमित को भी गिरफ्तार कर लिया। उसके पास से लाखों के नकली व एक्सपायरी दवाएं बरामद की गयी। उसकी निशानदेही पर पुलिस ने पत्रकार नगर थाने के सीआईटी कॉलोनी में छापेमारी कर एक और अमित कुमार को नकली व एक्पायरी दवाओं के साथ धर दबोचा। हालांकि सरगना रमेश पाठक पुलिस के हाथ नहीं लग सका। एसएसपी मनु महाराज ने बताया कि नकली दवा बनाने व एक्सपायरी दवा बेचने वालों के खिलाफ पुलिस ने अभियान चलाया है। तीन लोग पकड़े गये हैं। इनके पास से जो नकली व एक्सपायरी दवाइयां बरामद की गयी हैं, उसकी बाजार में करोड़ों की कीमत है।
दवा मंडी व आलमगंज में भी छापेमारी
पुलिस ने बताया कि दबोचे गए तीनों आरोपियों के निशानदेही पर बाद में पुलिस ने आलमगंज, बहादुरपुर, गोपालपुर के साथ ही दवा मंडी गोविंद मित्रा रोड से सटे बेनी माधव लेन, बाबू टोला व शारदा प्रसाद घोष लेन व बिहारी साव लेन में भी छापेमारी की। यहां से भी पुलिस को लाखों की नकली व एक्सपायरी दवाइयां मिलीं। साथ ही बड़े पैमाने पर विभिन्न दवा कंपनियों के रैपर भी मिले हैं। पुलिस का कहना है कि दवा मंडी में दर्जनों दुकानदार ऐसे हैं जो नकली दवाओं की खरीद-बिक्री में लगे हैं। हालांकि छापेमारी होते ही कई दुकानदार अपनी दुकानें बंद कर फरार हो गए।
कबाड़ के भाव खरीदा है एक्पायरी दवा
पूछताछ में रविशंकर व अमित ने बताया कि नकली दवा बनाने व उसकी सप्लाई करने वाला सरगना रमेश पाठक है। वह एक्सपायरी दवाओं को कबाड़ी के भाव में थोक दुकानदारों से खरीद लेता है। बाद में इन्हीं दवाओं पर नामी-गिरामी कंपनियों का रैपर लगाकर उसे फिर से मार्केट में सप्लाई कर देता है। इस धंधे में रमेश लंबे समय से लगा है। उसके गिरोह में दो दर्जन से अधिक लोग हैं । इनमें कई थोक दुकानदार भी हैं। ड्रग विभाग के कई अधिकारी व कर्मचारी की भी इनसे मिलीभगत है। पुलिस इनके नेक्सस के बारे में पता लगा रही है।
इंजेक्शन भी नकली
इनके पास से पुलिस ने टैबलेट, कैप्सूल, सिरप के साथ ही नकली इंजेक्शन भी बरामद किए हैं। इंजेक्शन की शीशी पर भी गिरोह के लोग नामी-गिरामी कंपनियों के रैपर लगाकर उसे असली का रूप दिया करते थे।






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