सबसे निचले पायदान पे खड़े वर्ग से केंद्र सरकार विमुख : निखिल मंडल

चित्र में ये शामिल हो सकता है: 1 व्यक्तिनिखिल मंडल (बिहार प्रदेश प्रवक्ता,जदयू)
केंद्र सरकार के वार्षिक बजट से बिहार को घोर निराशा हाथ लगी है। देश की दशवी आबादी बिहार है फिर भी बिहार जैसे पिछरे राज्य के लिए कोई विशेष प्रावधान नहीं किया गया है।बिहार के आर्थिक सामाजिक व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए केंद्र सरकार द्वारा कोई सहायता नहीं दी गयी है। जदयू ने नोटबंदी का समर्थन किया था।हमें उम्मीद थी की बजट में नोटबंदी के फायदे बतायें जायेंगे। साथ ही काला धन और बेनामी सम्पति के ऊपर किसी सुनियोजित कदम का जिक्र भी नहीं किया गया है। बिहार में 8400 ग्राम पंचायत है जिसमें 2500 ग्राम पंचायत में कोई बैंक नहीं है। अगर केंद्र डिजिटल इंडिया की बात करती है तो पहले बैंक और एटीएम का प्रावधान होना चाहिए जोकि बजट से नदारत है। कृषि हमारे देश और बिहार का सबसे प्रमुख क्षेत्र है। किसान मेहनत करते है तब जाके पूरे देश को अनाज मिलता है पर किसान प्रधान देश में किसानों के लिए सीधे तौर पे सहयोग के प्रावधान का नहीं होना अन्याय है दुर्भाग्यपूर्ण है।साथ ही आंगनबाड़ी सेविका,सहायिका,आशा कर्मी और मध्याहन भोजन के रसोईया के मानदेय के वृद्धि का कोई जिक्र नहीं है। तो क्या मान लिया जाए की सबसे निचले पायदान पे खड़े वर्ग से केंद्र सरकार विमुख हो चुकी है..? चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री जी ने 1.25 लाख करोड़ के योजनाओँ और बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की बात कही थी पर इस बजट में इसका जिक्र तक नहीं है, तो क्या मान लिया जाए की बिहार से जुड़ी बातें जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने कहा था,वो तमाम बातें चुनावी जुमले थे..? कुल मिला के इस बजट ने देश को निराश किया है साथ ही ये स्पस्ट दिख रहा है की केंद्र बिहार के साथ सौतेला व्यव्हार कर रही है।






Comments are Closed

Share
Social Media Auto Publish Powered By : XYZScripts.com