मनुष्य-सुअर के अंश से बनाया ये नया अजीबो-गरीब ‘जीव’

लंदन. एजेंसियां.  
वैज्ञानिकों ने पहली बार ऐसा एक ‘जीव’ बनाया है जो आंशिक रूप से मनुष्य और आंशिक रूप से सुअर है। दरअसल उन्होंने प्रयोगशाला में ऐसे भ्रूण विकसित किए हैं, जिनमें ‘कम’ मात्र में मानव ऊतक मौजूद हैं। ये भ्रूण एक मादा सुअर के गर्भ में विकसित किए गए। हालांकि बाद में इस नष्ट कर दिया गया है। शोधकर्ताओं के अनुसार, मानव और पशु, दोनों की कोशिकाओं से विकसित यह ‘काल्पनिक जीव’ तैयार करने के लिए सुअर के भ्रूण में इंजेक्शन के जरिये मानव स्टेम कोशिकाएं डाली गईं। फिर उस भ्रूण को मादा सुअर के गर्भ में स्थापित किया गया।
मानव स्टेम कोशिकाओं ने विकसित होकर सुअर के भ्रूण के ऊतकों के हिस्से निर्मित किए। शोधकर्ताओं ने कहा, इन भ्रूणों को 28 दिन बाद मादा सुअर के गर्भ से निकाल लिया गया। इसलिए ये सुअर शावक के रूप में विकसित नहीं हो सके। उन्होंने बताया, सुअर के भ्रूण में विकसित होने वाले मानव ऊतकों की मात्र ‘कम’ थी। यह प्रयोग सान डियागो स्थित साल्क इंस्टीट्यूट ऑफ बायोलॉजिकल स्टडीज और स्पेन की कैथोलिक यूनिवर्सिटी ऑफ मुरिका के शोधकर्ताओं ने किया है। इस प्रयोग में सुअर के लगभग डेढ़ हजार भ्रूणों और कुछ बच्चों के शरीर से खतना के दौरान हटाई गई त्वचा से ली गई स्टेम कोशिकाओं का इस्तेमाल किया गया।
नैतिकता का मसला
वैज्ञानिकों के एक वर्ग का कहना है कि सुअर के भ्रूण में अधिक मात्र में मानव डीएनए डालने के गंभीर नतीजे निकल सकते हैं। इससे मानव मस्तिष्क या चेहरे वाला सुअर पैदा हो सकता है। चिंता यह भी है कि इस तरह तैयार किए गए अंगों से भविष्य में मनुष्य में सुअरों में पाए जाने वाले वायरस पहुंच सकते हैं। दो जीव प्रजातियों को जैविक तौर पर मिलाने से मानवीय मनोविज्ञान पर भी असर पड़ सकता है।
प्रत्यारोपण को अंग मिलेंगे
– इस तकनीक से एक दिन सुअर या अन्य किसी पशु में मानवीय अंग विकसित किए जा सकेंगे
– वर्तमान में दुनियाभर में जरूरत के मुकाबले प्रत्यारोपण के लिए काफी कम अंग मिल पाते हैं
– इस तकनीक से प्रत्यारोपण के लिए जरूरी अंगों की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित होने की उम्मीद है
– इस तरह बने अंग मानव की प्रतिरक्षा प्रणाली के अनुकूल होंगे और शरीर उन्हें खारिज नहीं करेगा






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