नकली नोट पर रोक के लिए पहले भी बदले गए थे नोट

नई दिल्ली.रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने करीब दो साल पहले देश में बढ़ रही नकली नोटों की मात्रा पर रोक लगाने के लिए 2005 से पहले के पुराने नोट को बदला था। इसके लिए आरबीआई की तरफ से बैंक के ग्राहकों को बकायदा तीन महीने का समय दिया गया था। आरबीआई ने 31 मार्च, 2014 को सर्कुलर जारी कर कहा था कि 2005 से पहले छपे हर तरह के नोट बैंक वापस ले लेगा। ये नोट 5 रुपए, 10 रुपए, 20 रुपए, 50 रुपए, 100 रुपए, 500 रुपए और 1000 रुपए के थे।
क्या था कारण
आरबीआई का मानना था कि देश में नकली नोटों की मात्रा बढ़ गई है इसलिए 2005 से पहले के सभी पुराने नोटों को बदल दिया जाए। इसके लिए आरबीआई ने यह प्रावधान किया कि ग्राहक अपने पुराने नोटों को बैंक में आकर बदल दें या उसके बदले में नए नोट ले जाएं।
कैसे बदले गए थे पुराने नोट
ग्राहक अपने पुराने नोट लेकर बैंक में जाते थे जहां उनका आपका खाता था और उसे बदल दिया जाता था। जिनका खाता नहीं था वो अपना ऐड्रेस और फोटो आईडी प्रूफ लेकर बैंक जाते थे और पुराने नोट को बदल सकते थे। उस समय 50 हजार रुपए से ज्यादा के नोट बदलने के लिए पैन कार्ड भी ले जाना अनिवार्य था। ग्राहक इन नोटों के बदले नकद ले सकते थे या अपने बैंक खाते में पैसे जमा करा सकते थे।
डेडलाइन के बाद भी बदले गए थे नोट
जिन लोगों ने आरबीआई की दी गई 31 दिसंबर तक की डेडलाइन तक अपना नोट नहीं बदला था वो भी पहचान पत्र और आवास का प्रमाण पत्र देकर अपना धन बैंक में जमा कर सकते थे।






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