बिहार में पत्रकारिता घुटने टेक रहा है। भ्रष्टाचार के खिलाफ चौथा स्तंभ पूर्णतया खतरे में है। प्रषासनिक स्तर पर कार्रवाई नहीं होने से पत्रकारिता जगत से जुड़े लोग भयभीत है। वास्तविकता लिखने के कारण पत्रकारों के साथ मारपीट, धमकाने से लेकर हत्या तक कर दिये जाने की घटना बिहार में सरेआम हो रही है। सीवान में महज एक वास्तविक खबर के कारण हिन्दुस्तान समाचार पत्र के ब्यूरो राजदेव रंजन की हत्या सरेआम गोली मारकर कर दी गयी, यह दहषत फैलाने जैसी घटना ही मानी जा सकती है। 13 मई को घटित इस घटना का अभी रहस्योद्घाटन भी नहीं हुआ था कि बिहार शरीफ में दैनिक जागरण के पत्रकार को जान से मारने की धमकी दे डाली गयी।
इन दोनों समाचार पत्र के बाद प्रशासन को सख्त होने के आदेश तो जारी कर दिये गये, लेकिन इन मामलों में समुचित कार्रवाई ठीक उसी प्रकार से हो रहीं है, जैसे बिहार में 1995 में हुआ करता था। इन मामलों के शांत होने का इंतजार अभी चल ही रहा था कि 22 मई को अररिया में दैनिक समाचार पत्र प्रभात खबर के संवाददाता हीरा ठाकुर को बंधक बनाकर जमकर पिटाई कर दी गयी। 23 मई को आजादनगर थाना में घटना से संबंधित प्राथमिकी भी दर्ज कराई गयी है। बिहार में वैसे तो अनगिनत समाचार पत्र एवं पत्रिका का प्रकाशन हो रहा है।
लेकिन जिस प्रकार इन तीन बड़े ग्रुप के समाचार पत्र से जुड़े पत्रकारों के साथ घटनाएं घट रहीं है, इससे एक बात तो साफ हो गयी है कि बिहार में पत्रकारिता पर खतरा मंडरा रहा है। यह खतरा लोकतंत्र के लिए घातक है, कारण कि वास्तविकता प्रकाषित करने पर जिस प्रकार से पत्रकारों पर हमले हो रहे है और एक तरफ प्रशासन का साथ नहीं मिल रहा है, वहीं दूसरी तरफ आम जनता भी चुप है। विपक्ष स्वंय को कमजोर मानकर चुप्पी साधे हुये है। दूसरों की लड़ाई लड़ने वाले पत्रकार बिरादरी स्वयं अपनी लड़ाई लड़ने में असक्षम साबित हो रहे है। इन्हें अपने प्रबंधन का साथ नहीं मिल रहा है। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या सचमुच बिहार में पत्रकारों की आवाज को कुंद करने की रणनीति पर सत्ता लोलूप नेता लग गये है? धमकी, हत्या, रंगदारी समेत घट रहीं घटनाओं के बावजूद समाचार पत्र के प्रबंधन द्वारा केवल दो मरे तीन घायल जैसी खबरों को प्राथमिकता दिये जाने से पाठक वर्ग पत्रकारिता के भविष्य को लेकर चिंतित है।
(लेखक संजीव कुमार सिंह आईना समस्तीपुर मासिक पत्रिका तथा पाक्षिक समाचार पत्र संजीवनी बिहार के संपादक है। मोबाईल नम्बरः 9955644631)
बिहार में भ्रष्टाचार के आगे नतमस्तक पत्रकारिता
संजीव कुमार सिंह
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