अनुभव हमें बनाता है ज़िंदगी का बादशाह

  •                                                         मनोज बाजपेयी, (राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त अभिनेता)अनुभव हमें बनाता है ज़िंदगी का बादशाह
  • मैं जब मुंबई की गाड़ी में बैठा तो दिमाग में एक ही बात थी कि मन का काम करूंगा, नहीं तो घर बैठूंगा। जब काम करूंगा तो उसके मुझे कुछ पैसे मिल जाए। आगे चलकर परिवार होगा, तो परिवार भी चल जाए और बीमार पड़ जाऊं तो मेरा इलाज हो जाए। इससे ज्यादा अपेक्षा नहीं थी। मेरी ये जरूरतें थिएटर से पूरी हो सकती तो मैं थिएटर कभी नहीं छोड़ता। मुझे दिल्ली छोड़ते हुए थिएटर से दूर होने के कारण बहुत कष्ट हुआ था और मुंबई के शुरुआती दिन इतने अच्छे भी नहीं थे। आज भी मेरे विचार नहीं बदले। काम मन मुताबिक करता हूं और उसके मुझे पैसे मिल जाते हैं। कभी कम मिलते हैं, कभी ज्यादा। ज्यादातर छोटी फिल्में करता हूं तो जाहिर-सी बात है कि छोटी फिल्मों का बजट कम होने से पैसे कम मिलते हैं। किंतु मुझे अफ़सोस नहीं होता। मेरी जिंदगी आराम से चल रही है।





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