अगर मेरे इस्तीफे से पार्टी का भला होता है तो मैं तैयार हूं: शत्रुघ्न

कुमार अभिषेक

बीजेपी सांसद शत्रुघ्न सिन्हा पार्टी लाइन से इतर अपने खुले और बेबाक बयानों के लिए जाने जाते हैं. बात चाहे बिहार चुनाव की हो या जेएनयू मामले में कन्हैया कुमार की. ‘बिहारी बाबू’ के विचार से पार्टी के एक धड़े को हमेशा परेशानी रही है और सिन्हा खुद इस बा‍त को स्वीकार करते हैं. ‘आज तक’ से खास बातचीत में उन्होंने अपनी बात रखते हुए कहा कि अगर उनके इस्तीफे से पार्टी का भला होता है तो वह इसके लिए भी तैयार हैं.

शत्रुघ्न सिन्हा ने एक बार फिर दोहराया कि बीजेपी उनकी पहली और आखि‍री पार्टी है. वह कहते हैं, ‘मुझे जो बात सही लगती है, मैं जरूर कहता हूं. यही कारण है क‍ि मैंने कन्हैया का समर्थन किया.’

मानवता और सत्य के आधार पर समर्थन
वह कहते हैं, ‘पहले तो आपके माध्यम से ये साफ कर दूं कि बीजेपी मेरी पहली और आखिरी पार्टी है. पार्टी का कद्दावर कार्यकर्ता और नेता होने के नाते मुझे भारत के कानून, भारत के संविधान और हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी में पूर्ण विश्वास है. अब मैं कहना चाहूंगा कि कन्हैया को लेकर मैंने जो ट्वीट किया, वो मानवता और सत्य के आधार पर किया है. मेरा आधार हाई कोर्ट का वो फैसला है, जिसमें कन्हैया को बेल मिली है.’
‘मैं कन्हैया को जानता भी नहीं’
शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा, ‘जहां तक कन्हैया की बात है तो मैं उसे जानता भी नहीं. कभी मिला भी नहीं. लेकिन मैंने जो कुछ देखा, पढ़ा और सुना, कुछ ऐसी ही बात राहुल गांधी ने भी कही. उसमें कहीं किसी किस्म का एंटी नेशनल या गैर संवैधानिक बात नहीं सुनी गई.’

 ‘ट्वीट अंग्रेजी में था शायद समझ नहीं पाए’

बिहार में बीजेपी नेताओं सिन्हा के इस्तीफे की मांग की गई है. इस पर वह कहत हैं, ‘बिहार बीजेपी के लोगों ने हमारे इस्तीफे की मांग की है तो इसके तीन कारण हो सकते हैं. उनको शायद अंग्रेजी ठीक से नहीं आती हो, क्योंकि मेरा ट्वीट अंग्रेजी में था. दूसरा कारण ये हो सकता है कि उन्होंने ट्वीट को समझा नहीं और तीसरी बात ये हो सकती है कि खिसियाई बिल्ली खंभा नोचे वाली कहावत को चरितार्थ कर रहे हैं.’

‘शॉटगन’ ने कहा, ‘वो लोग जो खुद ही पार्टी से निकलने की हालात में पहुंच चुके हैं, जो बीजेपी की इतनी शर्मनाक हार दिलाने के जिम्मेदार हैं, वो लोग मेरा इस्तीफा मांग रहे हैं. जो आदमी इतने वर्षों से पार्टी में है, जिसने आज तक पार्टी के खिलाफ कोई बात नहीं की, जिसने आज तक लक्ष्मण रेखा का उल्लंघन नहीं किया, उस बिहारी बाबू का इस्तीफा मांगने से वो थोड़ा अटेंशन डाइवर्ट करना चाहते हैं.

‘कन्हैया की बॉडी लैंग्वेज बड़ी अच्छी है’
बीजेपी सांसद ने जेएनयू छात्रसंघ के अध्यक्ष कन्हैया के भाषण और बॉडी लैंग्वेज की जमकर तारीफ की. उन्होंने कहा, ‘मैंने सुना है कि लोगों ने कन्हैया के भाषण की तारीफ की है, लेकिन एक कलाकार के नाते अगर कहूं तो मुझे उसकी बॉडी लैंग्वेज बड़ी अच्छी लगी. उसके अंदर जो एनर्जी हैं अगर उसका इस्तेमाल अगर सही ढंग से हो तो उसके भीतर गजब का आत्मविश्वास है.’

उन्होंने आगे कहा, ‘मैं आज तक पर राजदीप सारदेसाई के साथ उसका साक्षात्कार देख रहा था. उसने सवालों का जवाब काफी अच्छे से दिया. उसने आदर के साथ, सम्मान के साथ और गहराई के साथ कही कोई फंबल या घबराहट नहीं, एक परिपक्व वक्ता और व्यक्ति‍ की तरह बात रखी. हम चाहेंगे कि वो पॉजिटिव काम करते हुए बिहार और देश को गौरवान्वित करे.’

‘देशद्रोही और देशभक्त पर फैसला अदालत करेगी’
शनिवार को अमित शाह ने मथुरा में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी पर निशाना साधा. इस पर शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा, ‘हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कुछ कह दिया है तो अब उस पर कुछ भी कहना विवाद खड़ा करना होगा. लेकिन दूसरी बात ये कि मामला अब न्यायाल के पास है और कौन देशद्रोही है और कौन नहीं है, क्या सच है और क्या सच नहीं है, इसका फैसला पुलिस, आप या हम नहीं करेंगे. इसका फैसला अदालत करेगी. जब तक ये मामला अदालत में हैं हम सबको इस पर चुप रहना चाहिए.’

‘बीजेपी बताए मेरा कसूर क्या’
पार्टी के लोगों प्रति अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए सिन्हा ने कहा, ‘मैं पार्टी के खिलाफ बिल्कुल नहीं हूं. लोगों ने मेरे खिलाफ बोलना शुरू किया, इसलिए मैंने कुछ ट्वीट किए. वरना मेरे पास कोई पद नहीं है, कोई पोजिशन नहीं है. मुझे ये भी नहीं पता कि मै अगली नेशनल एग्जीक्यूटिव मे रहूंगा या नहीं रहूंगा. इसके लिए मुझे कोई शिकायत नहीं. मैं इसलिए पार्टी में नहीं आया था.’

उन्होंने आगे कहा, ‘एक दिन मैं पार्टी को छोड़ दूंगा या पार्टी मुझे निकाल देगी. क्यों भाई मेरा कसूर क्या है. मैंने किया क्या है, आज तक मैने जो भी बातें कही हैं, उसमें कुछ भी पार्टी के खिलाफ नहीं है. आप गौर करेंगे तो पाएंगे कि जो भी बातें मैंने कही वो पार्टी के हित में कही हैं. मैंने वो बिहार और देश के प्रति कही है. मेरी देशभक्ति पर या मातृभूमि के प्रति मेरा जो प्यार है उस पर कोई उंगली नहीं उठा सकता, मैं अपनी पार्टी का बहुत वफादार आदमी हूं. बीजेपी मेरी पहली और आखिरी पार्टी है.’

‘मेरे इस्तीफे से भला होता है तो मैं तैयार’
बिहार चुनाव में बीजेपी की ओर से बतौर नेता प्रमुखता नहीं देने के कारण नाराज चल रहे सिन्हा ने कहा, मेरी तमाम कोशिश के बावजूद लोगों ने मुझे बिहार चुनाव में नहीं बुलाने की ठानी, इसका इतना बड़ा खामियाजा उन्हे भुगतना पड़ा कि शायद आजीवन नहीं भूल पाएंगे. लेकिन क्या मुझे इसका दुख नहीं, इस बात की तकलीफ नहीं है. हम जीती हुई बाजी हार गए. सिर्फ कुछ लोगों की महत्वकांक्षाओं की वजह से. उन्हीं में से कुछ लोगों ने मेरे इस्तीफे तक की बात कर ली. अगर मेरे इस्तीफे से पार्टी का भला होता है तो मैं बिल्कुल आपके सामने खड़ा हूं.

‘वो राजा हम रंक’
पांच राज्यों में चुनाव के बाबत अमित शाह की नई टीम में खुद के शामिल होने के सवाल पर शत्रुघ्न ने कहा, ‘वो राजा हैं हम रंक हैं. वो तय करें. हम मांग नहीं सकते, वो दाता हैं और दाता के तीन लक्षण होते हैं. या तो वो दे, या ना दे, या देकर वापस ले ले. अमिताभ बच्चन ने भी कहा था कि वो राजा, हम रंक हैं. मैं भी कुछ ऐसा ही मानता हूं.’

from  http://aajtak.intoday.in





Related News

  • क्या बिना शारीरिक दण्ड के शिक्षा संभव नहीं भारत में!
  • मधु जी को जैसा देखा जाना
  • भाजपा में क्यों नहीं है इकोसिस्टम!
  • क्राइम कन्ट्रोल का बिहार मॉडल !
  • चैत्र शुक्ल नवरात्रि के बारे में जानिए ये बातें
  • ऊधो मोहि ब्रज बिसरत नाही
  • कन्यादान को लेकर बहुत संवेदनशील समाज औऱ साधु !
  • स्वरा भास्कर की शादी के बहाने समझे समाज की मानसिकता
  • Comments are Closed

    Share
    Social Media Auto Publish Powered By : XYZScripts.com