
रवि ज्योति कुमार ने पुलिस की नौकरी छोड़कर नेतागिरी शुरू की है.
रवि ज्योति ने ऐन चुनाव के वक़्त ख़ाकी वर्दी छोड़कर खादी पहनी थी. बतौर जेडी-यू प्रत्याशी नालंदा ज़िले की राजगीर सीट से उन्होंने दिग्गज भाजपा नेता और पूर्व मंत्री सत्यदेव नारायण आर्य को हराया. बाहुबली विधायक अनंत सिंह भी एक बार फिर मोकामा सीट पर चुनाव जीतने में कामयाब रहे. इस साल जून में गिरफ़्तारी के बाद उन्होंने जेडी-यू से इस्तीफ़ा दे दिया था. जेल में बंद होने के बावजूद उन्होंने निर्दलीय प्रत्याशी के रुप में चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की.बाहुबाली माने जाने वाले अनंत सिंह ने जेल में रहते हुए जीत दर्ज की.
इस चुनाव में केंद्र की सत्ता में भागीदार रामविलास पासवान की लोजपा और उपेंद्र कुशवाहा की रालोसपा को ज़बरदस्त हार का सामना करना पड़ा है. करारी हार का एक उदाहरण यह है कि इन दोनों के पास अब सांसद ज़्यादा हैं और विधायक कम. लोजपा के छह सांसदों के मुक़ाबले केवल दो विधायक इस बार जीते जबकि रोलोसपा के तीन सांसद हैं लेकिन उनके दो ही उम्मीदवार विधानसभा चुनाव जीत सके. सोलहवीं विधानसभा में सबसे युवा और बुज़ुर्ग विधायक आरजेडी के ही होंगे. वैशाली ज़िले की महुआ सीट पर जीत दर्ज करने वाले लालू के बेटे तेजप्रताप यादव इस बार जीतने वाले उम्मीदवारों में सबसे युवा है. वे अभी मात्र 25 साल के हैं.
वहीं बेगूसराए ज़िले के साहेबपुर कमाल सीट पर जीत दर्ज करने वाले आरजेडी के श्रीनारायण यादव चुनाव जीतने वाले सबसे उम्रदराज़ उम्मीदवार हैं. उनकी उम्र 80 साल है.
बिहार की कुल 38 में से 14 ज़िलों में भाजपा जबकि 13 ज़िलों में एनडीए एक भी सीट नहीं जीत पाई. हालांकि भाजपा के लिए एक राहत की बात यही रही कि कुल प्राप्त मत प्रतिशत के हिसाब से वह सूबे की सबसे बड़ी पार्टी के रुप में उभरी. कुल वोटों में से 24.4 फ़ीसद वोट भाजपा को मिले. जबकि आरजेडी को 18.4 और जेडी-यू को 16.8 प्रतिशत वोट मिले. मधुबनी ज़िले के झंझारपुर सीट पर भाजपा प्रत्याशी और पूर्व मंत्री नितीश मिश्रा को जीतने के बाद मतों की दोबारा गिनती में हार का सामना करना पड़ा. ऐसा ही बनमखनी सीट पर आरजेडी उम्मीदवार संजीव पासवान के साथ हुआ. from bbchindi.com
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