यूपीएससी में लड़कों में समस्तीपुर के सुहर्ष सबसे आगे
नई दिल्ली ।संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) ने शनिवार को सिविल सर्विस परीक्षा के नतीजे घोषित कर दिए, जिनमें शीर्ष चार स्थानों पर महिलाओं ने बाजी मारी है। टॉप फाइव पांच में से चार महिलाएं हैं। पहले स्थान पर ईरा सिंघल, दूसरे स्थान पर रेणु राज, तीसरे स्थान पर निशि गुप्ता और चौथे स्थान पर वंदना राव हैं। यूपीएससी में 5वें स्थान और लड़कों में टॉप पर आने वाले सुहर्ष भगत बिहार के समस्तीपुर के रहने वाले हैं। इरा ने कहा है कि मैं सच में बहुत खुश हूं। मुझे विश्वास नहीं हो रहा। मैंने बस परीक्षा की तैयारी की थी। शारीरिक रुप से निशक्त होने के बावजूद इरा ने सामान्य श्रेणी में परीक्षा में पहला स्थान किया। उन्होंने कहा, मैं आईएएस अधिकारी बनना चाहती थी. मैं शारीरिक रुप से निशक्त लोगों के लिए कुछ करना चाहती हूं। अपने पहले ही प्रयास में परीक्षा में दूसरा स्थान हासिल करने वाली रेणु राज ने कहा, मैं नतीजे के बारे में जानकार बहुत खुश हूं. मैं पिछले एक साल से परीक्षा की तैयारी कर रही थी।
केरल के कोल्लम जिले के एक अस्पताल में काम करनी वाली रेणु कोट्टयम की रहने वाली हैं. तीसरा स्थान हासिल करने वाली निधि ने कहा कि यह उनके लिए एक गर्व का पल है। वर्तमान में सहायक सीमा शुल्क एवं केंद्रीय आबकारी आयुक्त के तौर पर काम कर रही निधि ने कहा, यह सच में एक गर्व का पल है। मैंने कडी मेहनत की और आखिरकार उसका फल मिला।
कुल 1,236 चयनित उम्मीदवारों की नियुक्ति भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस), भारतीय विदेश सेवा (आईएफएस), भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) और केंद्रीय सेवा के समूह ‘ए’ तथा ‘बी’ के अलग-अलग पदों पर होगी। इस बार आयोग यह रिजल्ट इंटरव्यू होने के महज 4 दिन के अंदर ही जारी किया है। पिछले साल 24 अगस्त को यह सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा देशभर के 59 केंद्रों में 2,137 स्थानों पर आयोजित की गई थी। यूपीएससी परीक्षा में करीब 9.45 लाख उम्मीदवारों ने आवेदन किया था। हालांकि करीब 4.51 लाख उम्मीदवार इस परीक्षा में शामिल हुए थे। इनमें से 16,933 उम्मीदवार मुख्य परीक्षा के लिए पास हो सके। गौरतलब है कि यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा तीन चरणों प्रारंभिक, मुख्य एवं साक्षात्कार में आयोजित होती है।
2012 लड़कियों के लिए यादगार साल
2012 की परीक्षा में वी हरिता कुमार टॉपर रहीं। यानी लगातार तीसरे साल लड़कियों को शीर्ष स्थान मिला। लेकिन इसी साल अनुसूचित जाति और जनजाति श्रेणी में भी लड़की ही टॉपर रही। टॉप 25 सफल परीक्षार्थियों में 12 लड़कियां शामिल थीं। इतना ही नहीं 998 सफल उम्मीदवारों में से 245 यानी एक चौथाई लड़कियां रहीं।
यूपी-बिहार का रहता है दबदबा
केंद्र सरकार के आंकड़ों के अनुसार यूपी-बिहार के युवा यूपीएससी में ज्यादा चुने जाते हैं। 2010 में जारी आंकड़ों में भले ही यूपी टॉप पर रहा हो लेकिन इस मामले में बिहार ने दूसरा स्थान पक्का किया। उसने तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश को पीछे छोड़ा।
यूपी की हिस्सेदारी 15 फीसदी
2010 में कार्मिक मंत्रालय के आंकड़ों में 4,443 आईएएस अफसरों का जिक्र किया गया। इसमें 671 यानी 15 फीसदी यूपी से थे जबकि 419 (9.4 फीसदी) बिहार से थे।
तमिलनाडु नंबर तीन पर
290 अधिकारियों के साथ तमिलनाडु तीसरे तो आंध्र प्रदेश 269 के साथ चौथे स्थान पर था। इसके बाद दिल्ली (233), पंजाब (228), महाराष्ट्र (222), हरियाणश (158) और मध्य प्रदेश (152) का नंबर था।
छोटे राज्य भी बढ़े
अनुसूचित जनजाति आरक्षण का लाभ राजस्थान के युवाओं ने ज्यादा उठाया। इसके अलावा उत्तर-पूर्व के उम्मीदवारों ने भी इस कोटे में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है। इसमें मणिपुर, मेघालय, नगालंैड के 20 से ज्यादा अधिकारी शामिल हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक 1990 में अन्य पिछड़ा वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण मिलने से उत्तर प्रदेश और बिहार से इस वर्ग के परीक्षार्थी बढ़े हैं। from livehindustan.com
Related News
जन सुराज अगर दल बनता है तो जिसकी जितनी संख्या है उसको उतना मालिकाना हक मिलेगा : प्रशांत किशोर
जन सुराज ने आयोजित किया जननायक कर्पूरी ठाकुर का जन्म शताब्दी समारोह वैशाली में बोलेRead More
‘बिहार के गांवों में बिजली तो पहुंच गई है, लेकिन लोग बिजली के गलत और बढ़े हुए बिल से परेशान ‘
बिहार के गांवों में बिजली तो पहुंच गई है, लेकिन लोग बिजली के गलत औरRead More
Comments are Closed