सरकार की ऐसी रवैया रही तो बच्चे का क्या होगा भविष्य
चकाई/चंद्रमंडीहः-सरकार अपनी जिद्ध पर अड़ी हुई है और इधर शिक्षकों का हड़ताल जारी है। सरकार शिक्षकों के साथ वार्ता के लिये तैयार नही हो रही है जिस कारण अपनी मांगों की समर्थन में शिक्षकों द्वारा अनिश्चित कालीन हड़ताल एंव स्कूलों में तालाबंदी कार्यक्रम चलाया जा रहा है जिससे बच्चों का भविष्य अंधकारमय होता जा रहा है। जिन गरीबों ने पैसे के आभाव में अपने नन्हें-मुन्ने बच्चों को सरकारी स्कूलों में नामांकन कराया है उस बच्चों के साथ सरकार खिलवाड़ कर रही है। एक ओर सरकार अड़ी है तो दुसरी ओर शिक्षक अड़े हुये है। बीच मझधार में स्कूलों में नामित गरीब के बच्चे का भविष्य अटके पड़े हुये है। वजह चाहे जो भी हो अब दो घु्रवों के बीच स्कूलों में नामित बच्चे चक्की में पीसे जा रहे है। इधर शिक्षकों ने समान काम के लिये समान बेतन की मांग पर अडिग है। सरकार शिक्षकों से बात करने के लिये भी तैयार नही है। सरकार सिर्फ दिखावे के लिये घडि़याली आंशू बहा रही है तो इधर शिक्षक सरकार के आंशूओं को बंद करने पर तुली हुई है। शिक्षकों से मिल रही जानकारी के अनुसार सरकार जबतक शिक्षकों की मांग पुरी नही करेगी तबतक शिक्षक अपनी जिद्ध पर अड़े रहेंगें। स्कूलों में नामित बच्चों के अभिभावकों का कहना है कि बड़ी अरमान के साथ अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों में दाखिला कराया था जो घर में रहकर ही विद्योपार्जन कर अपना भविष्य सुधार रहे थे। लेकिन सरकार की ढुलमूल रवैया के कारण बच्चों के भविष्य का हाल बेहाल हो गया है।
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