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गोपालगंज में एक दलित की प्रताडना के बाद भी कंप्रोमाइज की कहानी अजात शत्रु की जुबानी

Ajat Shatru मैं और मेरे दो अजीज साथी गोपालगंज भीम आर्मी के संस्थापक सदस्य रंजय अम्बेडकर और मनोज रंजन पहुंचे इस दलित के घर जिनको कुछ सामंतियों ने मार मार कर लहू लुहान कर दिया था और उनके दोनों पैर तोड़ने का पूरा प्रयास किया था, कसूर बस इतना कि सामंतियों के खेत के किनारे डरेर को रास्ता समझकर जा रहे थे….. सामंतियों के खिलाफ FIR दर्ज कराने के लिए आवेदन लिखकर SC-ST थाने में गया तब दरोगा ने कहा कि जांच के बाद FIR दर्ज होगा, मैन दरोगा जीRead More


आपातकाल, स्मरण, संघर्ष और सबक

Jai Shankar Gupt इस 25-26 जून को आपातकाल की 43वीं बरसी मनाई जा रही है. इस साल भी पिछले 42 वर्षों की तरह आपातकाल के काले दिनों को याद करने की रस्म निभाने के साथ ही लोकतंत्र की रक्षा की कसमें खाई जा रही हैं। वाकई आपातकाल और उस अवधि में हुए दमन-उत्पीड़न और असहमति के स्वरों और शब्दों को दबाने के प्रयासों को न सिर्फ याद रखने बल्कि उनके प्रति चैकस रहने की भी जरूरत है ताकि देश और देशवासियों को दोबारा वैसे काले दिनों का सामना नहीं करनाRead More


खूबसूरत मासूम लडकी ने फेसबुक पर खोली हनुमान चालीसा का पोल!

हनुमान चालीसा का अठाहरवां श्र्लोक कुछ इस प्रकार है . . . “” युग सहस्र योजन पर भानू । लील्यो ताहि मधुर फल जानू ॥ “” Meaning: The Sun which was at a distance of Sixteen Thousand Miles, You Swallowed It (the Sun) thinking it to be a Sweet Fruit. श्र्लोक के एक एक शब्द के अर्थ इस प्रकार हैं . . . . . . . . . . (युग = दूर ) …………… (सह = सोलह(16))…………… (स्र = हज़ार )…………… (योजन = मील )………………… (भानू = सूरज )Read More


ये जनता है, इसे ट्रोल मत कहो

संजय तिवारी. नई दिल्ली. इंटरनेट पर जबसे सोशल मीडिया का जोर बढ़ा है तब से एक शब्द बहुत चलन में आ गया है। ट्रोल। अखबार और टीवी मीडिया इंटरनेट पर होने वाले विरोध को इसी ट्रोल नाम से चिन्हित करती है। अगर सोशल मीडिया पर किसी व्यक्ति, संगठन आदि का विरोध हुआ तो घराना कॉरपोरेट मीडिया खबर लिखते समय उसे ट्रोल कहकर संबोधित कर देती है। आखिर क्या होता है ये ट्रोल और इसका असली अर्थ क्या है? ट्रोल स्पेनिश का शब्द है जो सत्रहवीं सदी में सबसे पहले इस्तेमालRead More


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