Bihar Politice

 
 

नीतीश का बंगला प्रेम और बंगले पर राजनीति

वीरेंद्र यादव मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बंगले के शौकीन हैं। अभी आधिकारिक रूप से उनके नाम तीन बंगले आवंटित हैं। पटना में एक अण्णे मार्ग और सात सर्कुलर रोड। एक मुख्यमंत्री के रूप में, दूसरा पूर्व मुख्यमंत्री के रूप में। तीसरा बंगला केंद्र सरकार ने दिल्ली में नीतीश कुमार को भेंट किया है। यह ‘उपहार’ बिहार की सत्ता में भाजपा को हिस्सेदार बनाने के लिए दिया गया है। लेकिन नीतीश कुमार बंगले पर राजनीति भी खूब करते हैं। 2013 में नीतीश कुमार ने भाजपा को ‘धकिया’ कर सरकार से बाहर काRead More


धोती पहन कर आधे घंटे के लिये आये, माहौल गरमा कर निकल गए तेजप्रताप

10.38 में आये और 11.08 में विधान सभा से निकल गये तेज प्रताप वीरेंद्र यादव, पटना। पूर्व स्वास्थ्य मंत्री और महुआ के विधायक तेज प्रताप यादव लगातार चर्चा में रहे हैं। कभी विधायकी को लेकर तो कभी शादी को लेकर। अब तलाक की अर्जी को लेकर चर्चा में हैं। पिछले करीब एक माह से ‘लापता’ रहे तेज प्रताप कल पटना आये और आज विधान सभा के अंतिम दिन सत्र में हिस्सा लेने पहुंचे। अनायास तेज प्रताप के विधान सभा पहुंचते ही पत्रकारों के अफरा-तफरी मच गयी। विभिन्न नेताओं से इंटरव्यू करRead More


बिहारी राजनीति का ‘मच्छर पुराण’

बिहारी राजनीति का ‘मच्छर पुराण’ वीरेंद्र यादव एनडीए के घटक दलों में नया विवाद शुरू हो गया है। जब से उपेंद्र कुशवाहा ने नीतीश कुमार के खिलाफ मोर्चा खोला है, तब से सुशील मोदी ने नीतीश के पक्ष में मोर्चा संभाल लिया है। पहली बार उपेंद्र ने जब नीतीश के कुर्सी से मन ‘भरुआने’ की बात कही थी और एनडीए को नया नेता चुनने की सलाह दी थी, तब भी सुशील मोदी ने कुशवाहा के बयान से असहमति जतायी थी। अब तक उपेंद्र खुलेआम नीतीश पर प्रहार कर रहे हैं।Read More


‘कुर्मी पार्टी’ के भविष्य बने ‘पांडेय जी’

कटाक्ष : वीरेंद्र यादव बिहार में जातियों की पार्टी है। यादव-मुसलमान की पार्टी राजद। बी–थ्री यानी ब्राह्मण, बनिया और भूमिहार की पार्टी है भाजपा। कुशवाहा की पार्टी है रालोसपा। पासवान की पार्टी है लोजपा। उसी तरह कुर्मी की पार्टी है जदयू। राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार से लेकर राज्य मुख्यालय के प्रभारी संजय कुमार तक सभी कुर्मी। लोकसभा, राज्यसभा, विधान सभा, विधान परिषद में नेता सब के सब कुर्मी। नीतीश कुमार पार्टी पर पैबंद लगाने के लिए पार्टी का भविष्य तलाश कर ले आये, उनका नाम है प्रशांत‍ किशोर पांडेय। बक्सरRead More


‘तेरहवीं’ की तारीख तय कर दी कुशवाहा ने

दिसंबर में केंद्र सरकार से ‘तलाक’ ले सकते हैं उपेंद्र वीरेंद्र यादव रालोसपा के अध्यक्ष और केंद्रीय मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री उपेंद्र कुशवाहा की दिसंबर के पहले सप्ताह में एनडीए सरकार से विदाई लगभग तय हो गयी है। एनडीए में सम्मानजनक सीट की मांग पर अड़े उपेंद्र कुशवाहा ने आज पटना में कहा कि भाजपा को 30 नवंबर तक सीट बंटवारे की घोषणा कर देनी चाहिए। यह डेड लाइन कुशवाहा ने भाजपा अध्यक्ष अमित शाह को दिया है। उपेंद्र कुशवाहा 8-9 फीसदी आबादी वाली कुशवाहा जाति का नेता होनेRead More


‘कोईरी के देवता’ नहीं हैं कुशवाहा

वीरेंद्र यादव राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के सुप्रीमो हैं उपेंद्र कुशवाहा। कोईरी के देवता नहीं हैं। ‘कोईरी का देवता’ मुहाबरा है। माना जाता है कि कोईरी के देवता काफी सीधा-साधा होते हैं। करीब पिछले दो दशक से संसदीय राजनीति में महत्वपूर्ण जिम्मेवारियों का निर्वाह कर रहे उपेंद्र कुशवाहा नीतीश के खिलाफ लडा़ई लड़ते रहे हैं। हालांकि उनकी राजनीति की शुरुआत भी नीतीश कुमार की छत्रछाया में शुरू हुई थी। उपेंद्र कुशवाहा पहली बार 2000 में जन्हादा से विधान सभा के लिए निर्वाचित हुए थे। वे समता पार्टी के विधायक थे।Read More


कटिहार: बर्खास्त राज्यपाल बन गये थे सांसद

वीरेंद्र यादव के साथ लोकसभा का रणक्षेत्र – 27 (बिहार की राजनीति की सबसे जरूरी पुस्तक- राजनीति की जाति) ———————————————— सांसद — कटिहार — तारिक अनवर — मुसलमान (इस्‍तीफा) विधान सभा क्षेत्र — विधायक — पार्टी — जाति कटिहार — तारकिशोर प्रसाद — भाजपा — बनिया कदवा — शकील अहमद खान — कांग्रेस — मुसलमान बलरामपुर — महबूब आलम — माले — मुसलमान प्राणपुर — विनोद सिंह — भाजपा — कुशवाहा मनिहारी — मनोहर सिंह — कांग्रेस — आदिवासी बरारी — नीरज कुमार — राजद — यादव ————————————————–  2014 मेंRead More


बिहार का झंझारपुर : बहुत उलझा हुआ है गठबंधनों का झोल

वीरेंद्र यादव के साथ लोकसभा का रणक्षेत्र – 23 (बिहार की राजनीति की सबसे जरूरी पुस्तक- राजनीति की जाति) मधुबनी जिले के छह विधान सभा सीटों को मिलाकर झंझारपुर लोकसभा सीट का पुनर्गठन किय गया है। 1977 से उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, इस सीट पर देवेंद्र प्रसाद यादव पांच बार निर्वाचित हुए हैं। 2014 में भाजपा इस सीट पर पहली बार निर्वाचित हुई। भाजपा के उम्मीदवार वीरेंद्र चौधरी ने राजद के मंगनीलाल मंडल को करीब 55 हजार वोटों से पराजित किया। देवेंद्र यादव पिछले लोकसभा चुनाव में जदयू के उम्मीदवारRead More


महाराजगंज: राजपूत-भूमिहार से आगे नहीं बढ़ा प्रतिनिधित्व

वीरेंद्र यादव के साथ लोकसभा का रणक्षेत्र – 21 (बिहार की राजनीति की सबसे जरूरी पुस्तक- राजनीति की जाति) 1957 में पहली बार अस्तित्व में आयी महाराजगंज लोकसभा सीट से अब तक भूमिहार-राजपूत ही निर्वाचित होते रहे हैं। इससे इतर किसी अन्य जाति को मौका नहीं मिला। इसकी वजह रही है कि महाराजगंज का सामाजिक बनावट और बसावट राजपूत-भूमिहार के पक्ष में रही है। यादव वोटों की संख्या भी काफी है, लेकिन सीवान और सारण के राजनीतिक समीरण में महाराजगंज सभी पार्टियों के लिए राजपूत व भूमिहार के अनुकूल बैठताRead More


किशनगंज: एनडीए में सीट की होगी फेंका-फेंकी

वीरेंद्र यादव के साथ लोकसभा का रणक्षेत्र – 22 (बिहार की राजनीति की सबसे जरूरी पुस्तक- राजनीति की जाति) सीमाचंल का प्रमुख लोकसभा क्षेत्र किशनगंज की सभी छह विधान सभा सीटों से निर्वाचित विधायक मुसलमान ही हैं। माना जाता है कि राज्य में मुसलमानों की सर्वाधिक आबादी किशनगंज में है और चुनाव परिणाम वही तय करते हैं। यहां से निर्वाचित सभी सांसद मुसलमान ही होते रहे हैं। किशनगंज का प्रतिनिधित्व कांग्रेस के टिकट पर पत्रकार एमजे अकबर और भाजपा के टिकट पर सैयद शाहनवाज हुसैन कर चुके हैं। किशनगंज केRead More


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