बंगलुरु में बिहारी प्रवासियो ने स्वस्थ भारत यात्रियो का किया जोरदार स्वागत

बिहारी प्रावासी, स्वस्थ भारत यात्रा का मकसद तारीफ के योग्य
प्रेस क्लब बंगलुरु में कन्नड अंग्रेजी और हिंदी के पत्रकारो ने यत्रियो के लिए साक्षात्कर
देवन हल्ली में जन औषधि पर डाँक्टरो और मरिजो के बीच हुई चर्चा
बिहार भवन में स्वस्थ भारत यात्रियो ने प्रथम राष्ट्रपति डाँ. राजेंद्र प्रसाद को दी श्रद्धांजलि
बंगलुरु. कर्नाटक और महाराष्ट्र की सीमा पर स्थित घटप्रभा से चलकर स्वस्थ भारत यात्री देर शाम को बंगलुरु पहुंचे। जहाँ राजेंद्र प्रसाद मेमोरियल ट्रस्ट के पदाधिकारियो ने बिहार भवन में आयोजित समारोह में उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। ट्रस्ट के पदाधिकारियो ने स्वस्थ भारत यात्रियो की हिम्मत और त्याग की सराहना की और उनके द्वारा जनऔषधि, पोषण और आयुष्मान को लेकर की जा रही राष्ट्रव्यापी यात्रा के लिए शुभकामनाएँ दी।
समारोह में ट्रस्ट के अध्यक्ष राजेश्वर सिह ने स्वस्थ भारत यात्रा के प्रमुख आशुतोष कुमार सिह, गांधीवादी चिंतक प्रसून लतांत, वरिष्ठ पत्रकार अशोक प्रियदर्शी, आयुर्वेदाचार्य डाँ. सोम शेखर सहित विवेक शर्मा, शंभु कुमार, प्रियंका सिह, विनोद रोहिल्ला और पवन कुमार को सम्मानित किया। उन्होने कहा कि राजेंद्र प्रसाद मेमोरियल ट्रस्ट को स्वस्थ भारत यात्रियो का बिहार भवन में स्वागत सम्मान करते हुए हर्ष हो रहा है।
उन्होने बताया कि बिहार भवन की ओर से बंगलुरु में रहने वाले प्रवासी बिहारियो के बीच उनकी संस्कृति को परिचित करने के लिए विभिन्न गतिविधियो का संचालन किया जाता है और बिहार से आने वाले आगंतुको को सदैव विभिन्न तरह की सहायता की जाती है। उन्होने स्वस्थ भारत यात्रियो को आस्वासन दिया कि उनका ट्रस्ट यात्रा के मकसद की कामयाबी के लिए अपनी ओर से किसी भी तरह का योगदान देने में पीछे नहीं रहेगा। समारोह में ट्रस्ट के पूर्व अध्यक्ष विजय शंकर सिह, ट्रस्टी राम लखन सिह, प्रेसिडेंट उदय कुमार सिह समेत अनेक पदाधिकारी और कर्मचारी मौजूद रहे।
इस मौके पर स्वस्थ भारत यात्रा के प्रमुख आशुतोष कुमार सिह ने देश के प्रथम राष्ट्रपति डाँ. राजेंद्र प्रसाद को श्रद्धांजलि देते हुए बंगलुरु में बिहारी प्रवासियो सहित ट्रस्ट के सभी पदाधिकरियो को बधाई दी और कहा कि मुझे पता भी नहीं था कि बंगलुरु में डाँ.राजेंद्र प्रसाद के नाम पर बिहार प्रवासियो ने बिहार भवन के निर्माण के साथ विभिन्न तरह की सामाजिक और सांस्कृतिक गतिविधियो का संचालन कर रहे हैं। श्री सिह ने कहा कि यह सब जानकर मुझे बहुत खुशी हो रही है। उन्होने खुद को राजेंद्र प्रसाद की जन्म स्थली का निवासी बताते हुए कहा कि मैं यहाँ आकर अभिभूत हुँ और ट्रस्ट के आश्वासन से मेरा हौसला भी काफी बढ गया है। श्री सिह बिहारियो प्रवासियो द्वारा यात्रा को अनुकरणीय बताने के लिए कृतज्ञता जताई।
इसके पहले गांधीवादी चिंतक प्रसून लतांत ने कहा कि पर्यावरण के बिगडने और जीवन जीने की पद्दति में भारी बदलाव आने से लोग बीमार हो रहे हैं लेकिन उनसे निजाद पाने के लिए चिकित्सा संबंधी उपाय नाकाफी हैं और इतने महंगे हैं कि वे बिमारी से राहत पाकर भी आर्थिक रूप से तबाह हो रहे हैं। ऐसे में जन-जन के बीच चिकित्सा और दवा को लेकर जागरण अभियान चलाने की बहुत जरूरत है। उन्होने चिंता व्यक्त की कि समाज बाकी सभी मामलो में सामूहिक सक्रियता में सहभागिता प्रदर्शित करता है लेकिन स्वास्थ्य संबंधी मामलो में दिनो दिन पिछडता जा रहा है। कर्नाटक राज्य के जनऔषधि परियोजना के नोडल आँफिसर परशुराम ने कहा कि मुझे यह बताते हुए हर्ष हो रहा है कि कर्नाटक में देश के सभी राज्यो से ज्यादा जन औषधि केंद्र हैं और इसे हम और बढांने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होने कहा कि कर्नाटक राज्य को जनऔषधि की सबसे ज्यादा दवाइयाँ मिलती हैं। पूरे राज्य में करीब 450जनऔषधि केंद्र हैं जिनमे से बंगलुरु मे 40 से ज्यादा केंद्र संचालित हो रहे हैं। यहाँ के लोग जन औषधि के महत्व को समझते हैं।
जनाऔषधि केंद्रो पर पहुंच रहे हैं गरीब मरीज
स्वस्थ भारत यात्रा-2 के यात्री यात्रा दल प्रमुख आशुतोष कुमार सिह की अगुवाई में बंगलुरु से करीब 27किमी. दूर देवनहल्ली ताल्लुका में स्थित गवर्नमेंट हाँस्पीटल के जनऔषधि केंद्र पहुंचे। यह केंद्र फरवरी 2016में शुरू हुआ। यहाँ मौके पर मौजूद मरीजो और डाँक्टरो से बातचीत की।
हाँस्पीटल के इंचार्ज और बाल रोग विशेषज्ञ डाँ. रमेश ने जनऔषधि को गुणवत्तायुक्त बताया और कहा कि यह गरीब मरीजो के लिए वरदान के समान है। केंद्र की संचालक वी.एन. मीना कुमारी ने बताया कि यह केंद्र फरवरी 2016 में शुरू हुआ। यह जगह कर्नाटक सरकार ने जनहित में यशस्वी फाउंडेसन को निशुल्क प्रदान किया है। यहाँ प्रतिदिन गरीब 100 मरीज दवाई लेने आते हैं।
केंद्र पर दवाई लेने आए एक किसान राज शेखर ने बताया कि मैं यहाँ करीब एक साल से दवाई ले रहा हूँ। मेरे माता-पिता बुजुर्ग हैं। पहले उनकी दवाई का खर्चा महीने करीब 2000रूपयेतक हो जाता था। अब यह 600 रूपये में हो जाता है। केंद्र पर दवाई लेने आए एक अन्य युवा किसान थिप्पेस्वामी ने बताया कि करीब 6 साल पहले उसका एक्सीडेंट हुआ था। अब तक उसके पाँच आपरेशन चुके हैं और छ्ठा होने वाला है। करीब एक साल से मैं यहाँ दवाई ले रहा हूँ। इसके पहले हर महीने 3000 हजार से ज्यादा खर्च हो जाते थे। अब यह 1000 रूपये में हो जाता है।
स्वस्थ भारत न्यास की अनूठी पहल
गौरतलब है कि विगत 7 वर्षों से स्वास्थ्य एडवोकेसी के क्षेत्र में काम कर रहे स्वस्थ भारत (न्यास) ने महात्मा गांधी के 150 वीं जयंती वर्ष में उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित करने की अनूठी पहल की है। संस्था ने गांधी को याद करते हुए स्वस्थ भारत अभियान के अंतर्गत स्वस्थ भारत के तीन आयामः जनऔषधि पोषण और आयुष्मान विषय पर देश की आम जनता को जागरूक करने का मैराथन संकल्प लिया है।
‘कंट्रोल मेडिसिन मैक्सिमम् रिटेल प्राइस’, ‘जेनरिक लाइए पैसा बचाइए’, ‘नो योर मेडिसिन’, तुलसी लगाइए रोग भगाइए’, ‘नो योर डॉक्टर नो योर फार्मासिस्ट’ एवं ‘स्वस्थ बालिका स्वस्थ समाज’ सहित दर्जनों जागरुकता अभियानों के माध्यम से लोगों को स्वास्थ्य के प्रति सचेत एवं जागरूक करने का न्यास ने प्रयास किया है।
संस्था ने ‘स्वस्थ बालिका स्वस्थ समाज’ विषय को लेकर 2017 में देशव्यापी स्वस्थ भारत यात्रा की। इस दौरान लाखों बालिकाओं से प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष संवाद स्थापित कर बालिका स्वास्थ्य के मसले को एक दिशा एवं गति देने का काम किया है। इसी कड़ी में एक बार फिर से संस्था स्वस्थ भारत यात्रा-2 लेकर निकली है। इस यात्रा का ध्येय वाक्य है- ‘स्वस्थ भारत के तीन आयाम जनऔषधि, पोषण और आयुष्मान’।
केएचआई के प्रमुख डाँ. घनश्याम वैद्य ने चिकित्सा संबंधी एक महत्वपूर्ण पुस्तक “जनरल प्रैक्टिस” भेंट की। इस पुस्तक का अबतक पाँचवा प्रकाशित हो चुका है। इसी के साथ उन्होने अपने पिता और केएचआई के संस्थापक डाँ.एमके वैद्य की तीम पुस्तके “अ नेवर वर्ल्ड एंड अ नेवर विज़न”, “द ग्रेट वंडर्स औफ हयूमन वौडी”, “अवर हेल्थ” भेंट की।
यात्रा के सहयोगी
स्वस्थ भारत यात्रा के राष्ट्रीय संयोजक अनिल सौमित्र ने बताया कि इस यात्रा में तमाम सरकारी व गैर-सरकारी संस्थाओं का सहयोग एवं समर्थन मिल रहा है। ‘प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि परियोजना’, ब्रेन बिहैवियर रिसर्च फाउंडेशन ऑफ इंडिया, मेवाड़ विश्वविद्यालय, कस्तूरबा हेल्थ सोसाइटी, स्पंदन, हीलिंग सबलाइम फाउंडेशन, सोशल रिफॉम्र्स एवं रिसर्च ऑर्गनाइजेशन, सर्च फाउंडेशन, हिन्दुस्थान समाचार समूह सहित तमाम जनसरोकारी गैर-सरकारी संस्थाओं, साइनोकेम फार्मास्यूटिकल्स लिमिटेड, क्योरटेक स्कीनकेयर, मस्कट हेल्थ सीरीज प्रा. लिमिटेड, और सनकेयर फार्मास्यूटिकल्स प्रा.लिमिटेड जैसी गुणवत्तायुक्त जेनरिक दवा बनाने वाली फार्मा कंपनियों के साथ-साथ देश के कई शिक्षण संस्थानों का सहयोग एवं समर्थन प्राप्त हो रहा है।
इस यात्रा में वरिष्ठ पत्रकार एवं इंदिरा गांधी कला केन्द्र के अध्यक्ष रामबहादुर राय, कनेरी मठ के श्री काडसिद्धेश्वर स्वामी जी, कर्नाटक हेल्थ इंस्टिट्यूट के प्रमुख और प्रख्यात चिकित्सक डाँ. घनश्याम वैद्य, वरिष्ठ शिक्षाविद एवं पूर्व प्रधानमंत्री चन्द्रशेखर की पदयात्रा के संयोजक रहे एचएन शर्मा, मेवाड़ विश्वविद्यालय के चेयरमैन अशोक गदिया, देश-दुनिया के जाने-माने हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. अनुराग अग्रवाल, वरिष्ठ न्यूरो सर्जन डॉ. मनीष कुमार, वरिष्ठ ब्रेन एनालिस्ट डॉ. आलोक मिश्रा, वरिष्ठ पत्रकार अरविंद कुमार सिंह, उमेश चतुर्वेदी, ओमप्रकाश अश्क, ओमप्रकाश तिवारी सहित सैकड़ों पत्रकार मित्रों का सहयोग प्राप्त हो रहा है। इसके साथ ही लाइफ एवं वेलनेस कोच डॉ. अभिलाषा द्विवेदी, वरिष्ठ स्तंभकार शशांक द्विवेदी एवं स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. ममता ठाकुर का विशेष मार्गदर्शन एवं सहयोग प्राप्त हो रहा है। स्वस्थ भारत के संरक्षक मंडल एवं मार्गदर्शक मंडल के वैचारिक सहयोग ने इस यात्रा को परिकल्पित करने में विशेष मदद की है।






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