हे भगवान! बेटे को घर में सुला कर गए विवाह में, लाटे तो रो-रोकर दम तोड़ चुका था मासूम
मुंगेर.आठ महीने के बेटे को घर में अकेले छोड़कर मां-बाप गांव में ही शादी समारोह में गए। भोज खाने के बाद वहां चल रहे गीत-संगीत के कार्यक्रम में ऐसे डूब गए कि याद ही नहीं रहा कि घर में उनका आठ महीने का बेटा अकेला पड़ा है। उधर, लगातार चार घंटे से मां की गोद के लिए तरस रहा आठ महीने का मासूम रो-रोकर बिस्तर पर ही दम तोड़ दिया। रात दो बजे जब पति-पत्नी लौटे तब उन्हें कमरे में बिस्तर आठ महीने का बेटा मृत पड़ा था। मामला कोतवाली थाना के नया गांव का है। गांव के शत्रुघ्न मंडल की बेटी नीतू पिछले कुछ महीने से मायके में ही रह रही थी। रविवार की रात गांव मेें एक शादी समारोह था। रात लगभग 10 बजे नीतू अपने आठ महीने के बेटे काे घर में सुलाकर पति सोहन मंडल के साथ गांव में शादी समारोह में चली गई। भोज के बाद दोनों वहां चल रहे समारोह को देखने में मशगूल हो गए। इधर घर में आठ महीने का मासूम अकेला था। उसकी नींद खुली तो पास में मां नहीं थी। जिससे बच्चा रोने लगा। उसके रोने की आवाज सुन दूसरे कमरे से उसके नाना आए और उसे थपकी देकर सुला दिए। कुछ देर बाद फिर उसकी नींद टूटी तो वह रोने लगा। मगर इस बार उसे थपकी देने वाला कोई नहीं था। क्योंकि नाना काे भी नींद आ गई थी। आखिरकार मासूम ने रोते-राेते दम तोड़ दिया।
रात दो बजे लौटे पति-पत्नी
शादी समारोह से नीतू पति के साथ रात लगभग दो बजे लौटी। कमरे में आकर उसने जैसे ही बेटे को गोद में उठाया मगर बच्चे ने काेई हरकत नहीं की। मां उसे गोद में लेकर हिलाने लगी, उससे बात करने की कोशिश की मगर मासूम मर चुका था। इसके बाद मां जोर-जोर से चिल्लाने लगी। मां के रोने की आवाज सुनकर आसपास के लोग जुट गए। मासूम हंस के नाना शत्रुघ्न मंडल ने बताया कि वह भी समारोह मेें गए थे। मगर वह लौट अाए थे। उस समय नाती हंस सोया हुआ था। दो बार वह जागकर रोया था तब खुद जाकर थपकी दे सुलाए थे। उसके बाद उन्हें नींद आ गई थी। सुबह लगभग तीन बजे महिलाओं के रोने की आवाज सुनकर बाहर निकले तो पता चला कि नाती की मौत हो गई है।
बच्चे को छोटा बताकर ससुराल नहीं गई थी
नीतू पिछले तीन महीने से अपने मायके नया गांव में रह रही है। उसका पति सोहन मंडल तारापुर के रामपुर विषय गांव में रहते हैं। तीन दिन पहले पति सोहन मंडल ससुराल आया है। उसने पत्नी से घर चलने को भी कहा था कि लेकिन नीतू ने इनकार करते हुए कहा था कि अभी कुछ दिन और यहीं रहेंगे, क्योंकि बच्चा अभी छोटा है। नीतू रो-रोकर एक ही बात कह रही है कि पति की बात मानकर चली गई हाेती तब आज उसका बेटा जीवित होता।
पहले भी लापरवाही में खो चुकी है एक बेटा
नीतू दो साल पहले भी अपनी लापरवाही से ही एक बेटे को गंवा चुकी है। दो साल पहले उसने एक बच्चे को जन्म दिया था। वह अस्पताल भर्ती थी। उसने बच्चे को पूरी तरह से कपड़े से ढक दिया था और खुद वहां लगे टीवी को देखने में मशगूल हो गई थी। उधर, पूरी तरह से कपड़े से ढके मासूम की दम घुटने से मौत हाे गई थी। witha thanks from bhaskar.com
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