बिहार में अपराध का एक अध्याय खत्म, कुख्यात अपराधी मुन्‍ना सिंह की दिनदहाड़े हत्या, 25 वर्षों से कायम थी दबंगई

बेगूसराय. बिहार के बेगूसराय के मटिहानी थानान्तर्गत रामदीरी पंचायत के पूर्व मुखिया राम नगर निवासी 60 वर्षीय मुन्ना सिंह की रविवार सुबह अपराधियों ने गोली मार हत्या कर दी। इसकी जानकारी मिलते ही आननफानन में ग्रामीण जुट गए और एक निजी अस्पताल ले गए। जहां डॉक्टर ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने पोस्टमार्टम कराने के बाद शव परिजन को सौंप दिया। वर्चस्व की लड़ाई को हत्या का कारण माना जा रहा है। इसमें रामदीरी क्षेत्र के नामचीन अपराधियों का हाथ होने की आशंका है। हालांकि, देर शाम तक प्राथमिकी नहीं हो सकी थी। जानकारी के अनुसार पूर्व मुखिया रामनगर निवासी मुन्ना सिंह रविवार सुबह करीब 10 बजे घर से खाना खाकर मोटरसाइकिल पर सवार होकर अकेले डेरा जा रहे थे। कछुवा राही के समीप पहले से घात लगाए चार सशस्त्र अपराधियों ने उन पर गोलियां बरसा दीं।
मुन्ना सिंह के सीने में बाईं ओर तथा बांह में गोली लगी। घायल मुन्ना को स्थानीय लोग तुरंत शहर के एक निजी नर्सिंग होम ले गए। जहां जांच के बाद डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। बताते चलें कि मुन्ना सिंह पहले कुख्यात अपराधी था। उनके खिलाफ मटिहानी समेत विभिन्न थानों में एक दर्जन से अधिक संगीन मामले दर्ज हैं।
घटना की सूचना पर पहुंचे एएसपी सह सदर एसडीपीओ मिथिलेश कुमार, मटिहानी थाने की पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। सदर डीएसपी ने बताया कि मामले में रामदीरी एवं आसपास के कई नामचीन अपराधियों के नाम सामने आ रहे हैं। अभी तक मामले में प्राथमिकी दर्ज नहीं हुई है। प्राथमिकी के बाद ही नामजद आरोपियों के बारे में कुछ कहा जा सकता है।
अपराध के एक अध्‍याय का अंत
मटिहानी थाना क्षेत्र के रामदीरी-दो पंचायत के पूर्व मुखिया मुन्ना सिंह की हत्या के बाद रामदीरी में अपराध के एक अध्याय का अंत हो गया। उसका सिर्फ रामदीरी ही नहीं बल्कि दियारा क्षेत्र में भी लगभग 25 वर्षों तक सल्तनत कायम रहा। रामदीरी चारों पंचायत में उनका दबदबा था। उस क्षेत्र से मुखिया, जिला परिषद, पंचायत समिति, सरपंच आदि चुनाव में उनकी अहम भूमिका रहती थी।
रामदीरी-दो पंचायत में मुन्ना सिंह का जबरदस्त पकड़ था। 2002 में खुद मुखिया बने। इसके बाद उनकी पत्नी वीणा देवी दो बार मुखिया बनीं और उसके बाद चौथे टर्म में मुन्ना के पुत्र अभय कुमार सिंह मुखिया के पद पर जीते। रामदीरी- 2 पंचायत में सरपंच, पंचायत समिति, पैक्स अध्यक्ष या जिला पार्षद पद पर वही विजयी होते रहे, जिन्हें मुन्ना का वरदहस्त मिला।
पुरानी रंजिशों की बात करें तो बीते 25 वर्षों से अकाशपुर रामदीरी निवासी कुख्यात मोहन सिंह एवं काले सिंह के साथ उनका विवाद लगातार बना रहा। इस विवाद में दर्जनों युवक की मौत भी हुई। मोहन सिंह की हत्या भी लगभग तीन वर्ष पूर्व गोली मारकर कर दी गई थी। मुन्ना सिंह की दबदबा का आलम यह था कि उस क्षेत्र में पैदा होने वाले नए अपराधियों का एक बार उनसे टकराव जरूर होता था। चाहे वह रामदीरी के श्रुति सिंह हो या पंकज सिंह। परंतु उनके सामने कोई टिके नहीं। सबके सब पुलिस के हाथों या अन्यत्र मारे गए। परंतु, मुन्ना का दबदबा जस का तस कायम रहा। उनकी हत्या के बाद ग्रामीणों में चर्चां का बाजार गर्म था, कि पिछले कई वर्षों से मुन्ना सिंह के दुश्मनों की संख्या में लगातार इजाफा हो रही थी। यही शायद उनकी हत्या का कारण हो सकता है।

24 वर्ष पूर्व रविवार को हुई थी चाचा की हत्या
पूर्व मुखिया मुन्ना सिंह के चाचा सारंगधर ङ्क्षसह की हत्या 24 वर्ष पूर्व अपराधियों ने राजनीतिक विद्वेष के कारण कर दी थी। परिजनों ने बताया कि 1993 में टेढीनाथ मंदिर के समीप बदमाशों ने उन्हें गोली से छलनी कर दिया था। जानकारों की माने तो सारंगधर सिंह की हत्या जिस दिन बदमाशों ने की थी, वह दिन भी रविवार ही था। और मुन्ना सिंहकी भी हत्या बदमाशों ने रविवार को ही कर दी।

हत्या के बाद कैंप कर रही पुलिस
मुन्ना सिंह की हत्या के बाद रामदीरी गांव में पुलिस कैंप कर रही है। किसी भी घटना से निपटने के लिए मटिहानी थाना के साथ, नयागांव, लाखो, रतनपुर सहित अन्य थानों की पुलिस वहां कैंप कर रही है। वहीं पुलिस लाइन से दंगा नियंत्रण वाहन को भी बुलाया गया है। बताते चलें कि मुन्ना सिंह की हत्या की सूचना क्षेत्र में आग की तरह फैल गई। इस के बाद उनके चाहने वालों की भीड़ रामदीरी गांव में उमड़ पड़ी। जिसके कारण पुलिस किसी अनहोनी की आशंका को ले कैंप कर रही है। By Ravi Ranjan with thanks from jagran






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