Friday, August 31st, 2018

 

हां! मैं रामकृपाल, कभी था लालू का हनुमान

हां! मैं रामकृपाल, कभी था लालू का हनुमान! के. विश्वनाथ : कहते हैं कि भगवान् राम को 14 बरस का वनवास मिला था। मां कैकेई की वजह से। धर्म के ज्ञाता इस वनवास को अलग-अलग तरीके से परिभाषित करते हैं। भारतीय जनमानस उस परिभाषा में डूबता-उभरता रहता है। सदियों से यह कहानी हमारे समाज में प्रचलित है। राम के वन गमन के पीछे के अपने तर्क भी हैं। उन्होंने कइयों का संहार भी किया, तो कइयों का उद्धार भी। महानता की यही पहचान है। राम आए और चले गए, लेकिनRead More


अर्बन नक्सल

पुष्य मित्र यह सच है कि बड़े शहरों में माओवादियों के सिम्पेथाइजर रहते हैं। ये दो तरह के होते हैं। पहला जो इन माओवादी समूह के सदस्य होते हैं और इन्हें वैचारिक मजबूती प्रदान करते हैं। ऐसे लोगों का हस्तक्षेप माओवादी संगठन में भी होता है। दूसरे लोग वे होते हैं, जो मानते हैं कि माओवादियों के मुद्दे सही हैं, मगर तरीका गलत है। ये हिंसक वारदातों का विरोध करते हैं, इनका मानना होता है कि यह आंदोलन अहिंसक तरीके से चलना चाहिये। साथ ही सरकार की उन गतिविधियों परRead More


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