Monday, July 5th, 2021

 

बिहार को स्कूल और योग स्थापित करने वाले संन्यासी की कहानी

संजय तिवारी बात अस्सी के दशक के आखिर की है। स्वामी जी ने मुंगेर में जिस बिहार स्कूल आफ योग को स्थापित किया था, एक झटके में उसे छोडकर निकल गये। देश विदेश में योग का परचम लहराने के बाद एक झटके में उठ खड़े हुए। शरीर पर जो वस्त्र था उसे ही लेकर चल पड़े। सन्यासी तो विरक्त होता है। उसे सांसारिक वस्तुओं से कैसा मोह? वहां से निकले तो बनारस आये और भिखारियों के बीच रहकर भोजन प्रसाद लिया। चाहते तो आराम से कोई कोठी लेकर बनारस मेंRead More


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