Wednesday, February 10th, 2021

 

सांस्कृतिक राष्ट्रवाद के लिए जरूरी है साहित्य भी आर्गेनिक हो – प्रोफेसर पुष्पिता अवस्थी

– प्रोफेसर पुष्पिता अवस्थी परिचय- प्रोफेसर पुष्पिता अवस्‍थी साहित्‍य क्षितिज पर एक जाना माना नाम है। हिन्‍दी साहित्‍य में उनके योगदान को देश ही नहीं विदेशों में भी सराहा जाता है। कविता, कहानी, आलोचना, क्रिएटिव लेखन के अलावा वह विदेशों में हिन्‍दी के प्रचार प्रसार में भी लगातार सक्रिय हैं। उत्‍तर प्रदेश के कानपुर में जन्‍मीं पुष्पिता जी की शिक्षा-दीक्षा और कर्मस्‍थली बनारस रही है। इसके बाद वह सूरीनाम आ गईं और मौजूदा समय में नीदरलैंड में रहते हुए चार दशक से ज्‍यादा की अपनी लेखन यात्रा को निरंतर आगेRead More


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