Sunday, June 14th, 2020

 

बिहारी इस तरह मरा नहीं करते सुशांत, तुमने गुमान तोड़ दिया

From : सोशल मीडिया सुशांत, जीवनभर सँघर्ष की भट्टी में तपकर बनता है कोई बिहारी. आखिरी सांस तक हार नहीं मानकर बनता है कोई बिहारी. कोई बिहारी इसलिए बिहारी नहीं है कि वो बिहार से है, कोई बिहारी इसलिए बिहारी है कि वो ढीठ है. ऐसा नहीं है “ऐ बिहारी बावले लौंडे, ऐ बिहारी तेरी माँ की” सुनकर उसका खून नहीं खौलता लेकिन वो अनसुना करता है. मुस्कुरा देता है. पैदा होने से लेकर आजतक उसने ऐसी विपरीत परिस्थितियों में खुद को संभाला है कि इन सब बातों को वोRead More


सामाजिक न्याय के साथ विकास और अब गोवार-भूमिहार की सरकार

सामाजिक न्याय, न्याय के साथ विकास और अब गोवार-भूमिहार की सरकार ————– वीरेंद्र यादव —————— राजनीति में जनता के साथ कम्यूनिकेट करने में मुहावरों और नारों की बड़ी भूमिका रही है। समाजवादी आंदोलन की सबसे बड़ी ताकत नारा ही हुआ करते थे। पूर्व केंद्रीय मं‍त्री देवेंद्र प्रसाद यादव हैं। उनके कार्यालय में नारों की लिस्ट ही टंगी हुई है। 1990 के बाद बिहार में गैरसवर्ण सत्ता का दौर शुरू हुआ। इसमें सामाजिक न्याय का नारा खूब बुंलद हुआ। नीतीश कुमार ने गैरयादव पिछड़ों की गोलबंदी शुरू की और यादवों कोRead More


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