Friday, February 14th, 2020

 

बदल गया प्रेम का हर फ्रेम

तुरंता प्रेम उर्फ लव @2020 संजय श्रीवास्तव जो लोग देवि, प्राणेश्वरी, प्रियतमे, प्रिये, जान, जानू, प्यारी स्वीटू से बेबी, शोना, छोना और बाबू तक पर नजर रखते हैं वे जानते हैं कि प्रेम, प्यार, रोमास कैसे, कितना और कब बदलता है। आज स्थिति यह है कि बनन में बागन में बगरो बसंत है कि तर्ज पर प्रेम चहुंओर फैला हुआ है। प्रेम प्रवाह का पारावार नहीं है। कुछ लोग इस बासंती बयार में भी प्रेमातुर नहीं है उनको छोड़िये ये उनकी अपनी अंदरूनी समस्या है पर जिन्हें प्रेम चाहिये उन्हेंRead More


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