बैकुण्ठपुर-हकाम मध्य विद्यालय के पूर्व प्रधानाध्यापक पर गिरेगी गाज

बैकुण्ठपुर-हकाम मध्य विद्यालय के पूर्व प्रधानाध्यापक के प्रभार नहीं देने पर जिलाधिकारी ने दिए कार्रवाई के आदेश 

बिहार कथा न्यूज़ नेटवर्क, गोपालगंज। हकाम मध्य विद्यालय पिछले काफी समय से चर्चे में रहा है,शारिरिक शिक्षक पूर्व प्रभारी प्रधानाध्यापक ब्रजकिशोर सिंह ने अपने प्रभार के कार्यकाल में एक भवन का निर्माण कराया था, जिसमे निर्माण से पूर्व VSS की बैठक, टेंडर प्रक्रिया, तथा पूर्व से उस स्थल पर स्थित भवन जिसे तोड़ कर नए भवन बनाये जा रहे थे उसके अवशेष को शिक्षा समिति(सम्बन्धित) लोगो के समक्ष नीलाम कराना होता है जो कि नहीं हुआ और आज लगभग 3 वर्ष होने को हैं भवन अंदर से पूर्णतः अधूरा है साथ ही अभी ही घटिया किस्म की सामग्री उपयोग करने के कारण भवन अभी ही कई जगह से अपनी कमजोरी का प्रमाण दे रहा है जो कभी भी किसी बड़े हादसे को आमंत्रित कर सकता है।इस प्रकार लूट खसौट की नीयत से तमाम नियम नियमावली को ताख पर रखते कार्य किया गया है ।
प्रभार और NOC में अभी भी फसा है पेच-
वर्तमान प्रधानाध्यापक मो नईम को पूर्व प्रभारी प्रधानाध्यापक ब्रजकिशोर सिंह के द्वारा अपने काले कारनामे को छुपाने के लिए अभी तक विद्यालय का प्रभार नहीं सौपने का मामला सामने आया है, जिसके कारण खुद शारीरिक शिक्षक ब्रजकिशोर सिंह बुरी तरह अपने ही जाल फस गए हैं दूसरे तरफ विद्यालय के वर्तमान प्रधानाध्यापक के द्वारा पूर्व प्रभारी प्रधानाध्यापक को NOC नहीं दे पा रहे हैं और नाही इनको सेवानिवृत्त होने के सभी लाभो से दूर है ।

स्थानीय लोगों का कहना है कि मध्य विद्यालय हकाम के इतिहास में ऐसे को शिक्षक नहीं आए थे जो विद्यालय को इस प्रकार के मक्कर जाल में फसा दे चुकी स्कूल का विकास काफी बाधित हो गया है, लोगो का कहना है कि पूर्व प्रभारी प्रधानाध्यापक एवं शरीरिक शिक्षक ब्रजकिशोर सिंह अपने कार्यकाल के कई वर्षों के बच्चों के छात्रबृत्ति/पोषक/नैपकिन की राशि का भी वितरण नहीं किया गया है । 8 माह तक बिना सूचना के अनुपस्थित रहने का खिताब भी उपलब्ध है जो कि ‘सेवा टूट’मानी जायेगी और ये कानून जुर्म हैं ।

आवेदक मनीष ऋषि ने बताया-

जिला अधिकारी महोदय ने प्रखंड विकास पदाधिकारी महोदय को जाँच कर अविलम्ब कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं मुझे विश्वास है कि जल्द हकाम मध्य विद्यालय एवं ग्रामीणों को न्याय मिलेगा, साथ यहि नहीं कई अन्य मामले भी जो जिला अधिकारी के समक्ष है जिनपर फैसला आना बाकी है, किसी विद्यालय में इस तरह का लूट खसौट करना “गुरु शिष्य परंपरा को कलंकित करना है” जो कि दुःखद है और इस तरह के लोगों कठोय दण्ड मिले समाजिक रूप से भी ऐसे लोगो का बायकॉट करना चाहिए ।।

जिला अधिकारी के आदेश की पूरी जानकारी–
तिथि-04/11/2019 विनिश्चय का प्रकार- अंतिम आदेश
विनिश्चय का विवरण: प्रस्तुत द्वितीय अपील वाद ‘‘बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम-2015‘‘ में निहित प्रावधानों के अन्तर्गत दिनांक 15.05.2019 को अपीलार्थी मनीष ऋषि, पिता-अनिल कुमार सिंह, ग्राम+पो0- हकाम, प्रखण्ड-बैकुण्ठपुर, जिला- गोपालगंज के द्वारा प्रथम अपीलीय प्राधिकार-सह-जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी, गोपालगंज द्वारा पारित आदेश दिनांक 16.04.2019 के विरूद्ध दायर किया गया है। संक्षेप में अपील का विषय-वस्तु :- गोपालगंज जिलान्तर्गत बैकुण्ठपुर प्रखण्ड के हकाम पंचायत में स्थित हकाम मध्य विधालय के पूर्व प्रधानाध्यापक द्वारा सेवानिवृति के पश्चात भी प्रभार नही देने एवं विधालय प्रागंण में एक भवन का निर्माण कार्य पूर्ण नही होने के संबंध में। प्रथम अपीलीय प्राधिकार -सह- जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी, गोपालगंज द्वारा दिनांक- 16.04.2019 को आदेश पारित किया गया है कि ‘‘ अनुमंडल लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी द्वारा भी प्रखण्ड विकास पदाधिकारी, बैकुण्ठपुर की कार्रवाई पर असंतोष व्यक्त किया गया है। ऐसा प्रतीत होता है कि उनके द्वारा जानबूझ कर अपीलवाद के निवारण की दिशा में कोई कार्रवाई नही की गई जिसके कारण परिवाद का निवारण संभव नही है। इसलिए उनके विरूद्व अनुशासनिक कार्रवाई किये जाने की अनुशंसा जिला पदाधिकारी, गोपालगंज से की जाती है। साथ ही लोक प्रिधकार प्रखण्ड़ विकास पदाधिकारी बैकुण्ठपुर को निर्देश दिया जाता है कि चार सप्ताह के अन्दर परिवाद के संदर्भ में जांच कराकर नियमानुसार कार्रवाई करना सुनिश्चित करें। आज दिनांक- 22.10.2019 को सुनवाई के दौरान अपीलार्थी एवं लोक प्राधिकार-सह- प्रखंण्ड विकास पदाधिकारी, बैकुण्ठपुर अनुपस्थित है। अभिलेख में उपलब्ध कागजातों का अवलोकन किया गया। प्रखण्ड विकास पदाधिकारी, बैकुण्ठपुर को आदेश दिया जाता है कि आदेश पारित की तिथि से 20 दिनों के अन्दर प्रश्नगत मामले का निष्पादन करते हुए एतद् संबंधी प्रतिवेदन अधोहस्ताक्षरी को उपलब्ध करायेगें। उपर्युक्त आदेश के साथ इस अपील वाद को निष्पादित करते हुए वाद की कार्रवाई समाप्त की जाती है। अगर पक्षकार इस आदेश से असंतुष्ट हों तो इस आदेश के पारित होने की तिथि से 60 दिवसों की कालावधि के भीतर पुनरीक्षण प्राधिकार- प्रमंडलीय आयुक्त, सारण, छपरा के समक्ष इस आदेश के पुनरीक्षण के लिए आवेदन कर सकते हैं। अधिनियम एवं नियमावली के प्रावधानों के अध्यधीन इस विनिश्चय/आदेश की प्रति अपीलार्थी एवं संबंधित प्राधिकार को आवश्यक कार्रवाई हेतु भेजी जाय।



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