Friday, June 15th, 2018

 

गोपालगंज : डियूटी पर तैनात जवान ने अपने हीं साथी जवान को मारी गोली , एक की मौत

गोपालगंज:— जिले के पंचदेवरी प्रखंड क्षेत्र के नटवां स्थित प्लांट पर तैनात सैप के जवान मतवर सिंह ने आपसी विवाद के बाद अपने ही साथी जवान नंदलाल यादव को गोली मार दी। घटना स्थल पर ही नंदलाल यादव नामक सैप के जवान की मौत हो गई। मृत जवान भोरे थाना क्षेत्र के हरदियां गांव का निवासी है। घटना के बाद आरोपित सैप का जवान छपरा जिले के मढ़ौरा गांव का निवासी मतवार सिंह सरकारी राइफल लेकर फरार हो गया। घटना की सूचना मिलने के बाद कटेया थानाध्यक्ष गौतम कुमार मौकेRead More


रमेश गुप्ता बने समाजसेवी संस्था तापश्य फाउंडेशन के राज्य प्रवक्ता

गोपालगंज. समाजसेवी संस्था तपश्या फाउंडेशन के प्रबन्ध निदेशक प्रदीप देव संस्था के चेयरमैन अनुज कुमार सिंह ने संयुक्त रूप से गोपालगंज जिले के बरौली प्रखंड के संदली निवासी युवा समाजसेवी रमेश गुप्ता को तपश्या फाउंडेशन के *राज्य प्रवक्ता* मनोनीत किया है।संस्था के प्रबन्ध निदेशक प्रदीप देव ने बताया की संस्था समाजिक कार्यो को आगे बढ़ाने के उद्देश्य से अपनी कमिटी का विस्तार कर रही है। श्री देव ने बताया कि संस्था के नवमनोनित राज्य प्रवक्ता श्री रमेश गुप्ता पूर्व से ही सामाजिक कार्यो में रुचि रखते है जिसको ध्यान मेंRead More


पत्रकार लोकतंत्र का डाकिया है, उसे मारकर तुम खुद मरोगे

पीयूष बबेले कश्मीर में हमने स्वाभिमान के साथ पत्रकारिता की है और हम जमीनी हकीकत को प्रमुखता से छापना जारी रखेंगे.’ अपनी हत्या से एक दिन पहले 13 जून को कश्मीर के प्रमुख अंग्रेजी अखबार राइजिंग कश्मीर के प्रधान संपादक शुजात बुखारी ने यह बात ट्वीट की. वे भारत के एक प्रमुख थिंक टैंक ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन के उस बयान का जवाब दे रहे थे, जिसमें उन पर पत्रकार से ज्यादा अर्द्ध इस्लामिक होने का आरोप लगाया गया था. जाहिर है बुखारी को इस बात का कतई अंदाजा नहीं रहाRead More


भारतीय उपमहाद्वीप में क्यों मारे जा रहे हैं स्वतंत्र सोच वाले लेखक-पत्रकार

Pushya Mitra कल शुजात बुखारी को गोली मार दी गयी. अब तक यही कहा जा रहा है कि किसी आतंकी ग्रुप ने उनकी हत्या की. हालांकि कश्मीर के तकरीबन सभी बड़े आतंकी समूह ने उनकी हत्या की निंदा की है. इसलिए अब तक साफ नहीं है कि उनकी हत्या किसने और किस वजह से की है. मगर यह निर्विवाद तथ्य है कि वे कश्मीर की आवाज थे. उस आवाज में न भारतीय सेना का प्रभाव था, न आतंकियों का. वे कश्मीर में इन दिनों मौजूद इन दोनों ताकतों से अलगRead More


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