डाक्टरों ने बच्चे के पेट में कैंची छोड़ा, पांच साल बाद दोबारा ऑपरेशन के बाद मौत
अहमदाबाद. लगभग पांच साल पहले एक ऑपरेशन के दौरान गुजरात के अहमदाबाद स्थित ‘प्रतिष्ठित’ सिविल अस्पताल के चिकित्सकों के भूलवश एक महिला के पेट में कैंची छोड़ देने के बाद इसे निकालने के लिए दोबारा ऑपरेशन के करीब पांच माह बाद उसकी आज अस्पताल में ही मौत हो गई. यह अस्पताल खुद के एशिया के प्रमुख चिकित्सा संस्थानों में शुमार होने का दावा करता है. अस्पताल के अतिरिक्त अधीक्षक डा एम डी गज्झर ने बताया कि सर्जरी वार्ड में कुछ माह पहले दाखिल उस महिला की आज दोपहर बाद तीन बजे मौत हो गई. उन्होंने कहा कि उन्होंने इस मामले का केस पेपर अभी नहीं देखा है और यह जांच का विषय है. गुजरात के कच्छ की रहने वाली करीब 50 साल की जीवीबेन का 2012 में पेट दर्द के बाद सिविल अस्पताल में ऑपरेशन किया गया था। इसके बाद भी जब दर्द नहीं गया तो उसने फिर से अस्पताल के डाक्टरों से इसकी शिकायत की पर उन्होंने लापरवाही भरे अंदाज में बिना पूरा पडताल किये सिर्फ यही कह दिया कि ऑपरेशन के बाद का यह दर्द धीरे धीरे चला जाएगा. पर पांच साल तक दर्द झेलने के बाद उन्होंने जब गांधीधाम के अस्पताल में जांच करायी तो एक्सरे में पेट में चार ईंच लंबी सर्जिकल कैची होने की बात सामने आई थी. इसके बाद इस साल मार्च में उनका यहां सिविल अस्पताल में दोबारा ऑपरेशन कर कैची निकाली गई थी। तब भी डाक्टरों ने कहा था कि लंबे समय तक पेट में कैंची रहने के बावजूद कोई बडा नुकसान नहीं हुआ है. मौत के बाद आज मरीज के परीजनों ने डाक्टरों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज करने की मांग की और शव को लेने से इंकार कर दिया.
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