बिहार टॉपर घोटाले का सरगना दो बार लड़ चुका है भाजपा से चुनाव

बिहार टॉपर घोटाला 2016 में जदयू की नेता का नाम आने परे बीजेपी ने उन्हें पार्टी से निकालने की मांग की थी।
सीएम नीतीश कुमार ने आरोपी उषा सिंह को छह साल के लिए पार्टी से निकाल दिया था।

पटना. बिहार टापर घोटाला 2016 का कथित किंगपिन राजद समर्थक बताया जाने वाला बच्चा राय था पर सूत्रों की मानें तो असली बॉस जनता दल (यू) से सांठगांठ रखने वाले लालकेश्वर सिंह हुआ करते थे। जेल में बंद सिंह की पत्नी उषा सिंह घोटाले की तीसरी अहम किरदार थीं, जो 2010 से 2015 तक नीतीश कुमार की पार्टी की धाकड़ विधायक हुआ करती थीं। 2016 के टॉपर घोटाले में उषा को भी जेल जाना पड़ा था लेकिन फिलहाल वो जमानत पर बाहर हैं।
बिहार टॉपर घोटाला 2017 के असल सूत्रधार जवाहर प्रसाद सिंह बताए जा रहे हैं। बिहार बोर्ड की 12वीं की परीक्षा में कला वर्ग से टॉप करने वाले गणेश कुमार समस्तीपुर जिले के ताजपुर स्थित रामनंदन सिंह जगदीश नारायण इंटर विद्यालय से पास हुए हैं। इस विद्यालय के सचिव जवाहर प्रसाद सिंह और उनके बेटे व स्कूल के प्रिंसिपल अभितेन्द्र कुमार सिंह को पुलिस खोज रही है। खबर लिखे जाने तक दोनों बाप-बेटे फरार हैं। पुलिस गणेश कुमार समेत पांच लोगों को मामले में गिरफ्तार हो चुकी है।
जवाहर प्रसाद सिंह का बीजेपी से करीबी नाता बताया जा रहा है। सिंह बीजेपी के टिकट पर लगातार दो बार 1985 और 1990 में कल्याणपुर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ चुके हैं। सिंह ने 1974 के जेपी आंदोलन में भी भाग लिया था। सूचना के मुताबिक सिंह के चाल, चरित्र और चेहरे की जानकारी बीजेपी के कई नेताओं के साथ-साथ बिहार बीजेपी के अध्यक्ष नित्यानन्द राय को भी है।
बिहार से जुड़े हर घोटाले में राजद तथा जदयू के नेताओं के शामिल होने के आरोप पर लालू प्रसाद यादव और नीतीश कुमार को घेरने वाले बीजेपी नेता जवाहर प्रसाद सिंह पर बोलने से परहेज कर रहे हैं। बिहार बीजेपी के अध्यक्ष नित्यानन्द राय ने जनसत्ता डॉट कॉम से कहा, “अभी मैं पटना से बाहर हूं, लौटूंगा तो इस बिषय पर बात करूंगा।” नित्यानंद पटना कब लौटेंगे ये जानकारी उन्होंने नहीं दी। बिहार बीजेपी के प्रवक्ता संजय टाइगर ने जवाहर प्रसाद सिंह पर लगे आरोपों पर कहा, ‘‘जदयू के लोग अपनी सरकार की कमजोर छिपाने के लिए उजूल-फजूल बात कर रहे हैं। हमने गिरफ्तार करने से किसी को रोका है क्या? पूरी बिहार सरकार घोटालेबाजों के चंगूल में है।’’
बीजेपी नेतृत्व टापर घोटाले के कथित सरगना जवाहर प्रसाद सिंह के खिलाफ कार्यवाई करने का मन बना रहा है कि नहीं? यह सवाल पूर्व बीजेपी विधायक टाइगर के लिए महत्व नहीं रखता। अगर बीजेपी सिंह के खिलाफ कार्रवाई न करे तो ये कोई नई बात नहीं होगी। 2016 के टॉपर घोटाले के मुख्य आरोपी बच्चा राय के खिलाफ राजद ने अभी तक कोई एक्शन नहीं लिया है। सबूत के बाद भी राजद ने कभी स्वीकार नहीं किया कि राय पार्टी के साथ जुड़े थे। बच्चा राय अभी जेल में हैं। उषा सिंहा का नाम जब सामने आया ही था कि बीजेपी नेताओं ने उन्हें जदयू से निकालने की मांग शुरू कर दी थी। अपनी और पार्टी की छवि के लिए सचेत सीएम नीतीश कुमार ने उषा सिंह को छह साल के लिए पार्टी से निकाल दिया था। अब खुद बीजेपी यू-टर्न लेती प्रतीत हो रही है।
आरोप है कि जवाहर प्रसाद सिंह “अक्षम” लड़कों को पास कराने का रैकेट पिछले कई वर्षों से चला रहे हैं। बिहार स्टेट परीक्षा समिति (बीएसईबी) के कर्मचारियों की मिली भगत से 12वीं पास कराने का यह धंधा बगैर किसी भय के चल रहा था। आश्चर्य की बात है कि टापर घोटाला 2016 की पुर्नरावृति रोकने वास्ते बीएसईबी की तथाकथित सघन जांच-पड़ताल के बाद भी जवाहर प्रसाद सिंह के विद्यालय पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। कुछ राजनीतिक सूत्रों का दावा है कि जवाहर प्रसाद सिंह की पीठ पर दिल्ली के एक वरिष्ठ बीजेपी नेता का हाथ है। बकौल एक बीजेपी कार्यकर्ता ‘‘इस बार बेचारे का लक साथ नहीं दिया। न गणेश कुमार टापर होता और न पास कराने वाले उसके फैक्टरी का पोल खुलता।’’ with thanks from jansatta.com






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