UPSC की खुली पोल, SC/ST/OBC रिजर्वेशन में जमकर गड़बड़ी

नई दिल्ली। संघ लोक सेवा आयोग के खिलाफ छात्रों का एक समूह ने शिकायत दर्ज कराने जा रहा है। दरअसल मोदी सरकार के आने के बाद सिविल सेवाओं में संघ लोक सेवा आयोग तथा विभिन्न राज्य लोक सेवा आयोगों की परीक्षाओं में SC,ST और OBC वर्ग के विद्यार्थियों की संख्या में भारी गिरावट आयी है। इसका मुख्य कारण इन लोक सेवा आयोगों द्वारा आरक्षण नियमों में किया गया त्रुटिपूर्ण बदलाव है। छात्रों ने इसके खिलाफ शरद यादव को भी ज्ञापन सौंपा है। वर्ष 2014 से पूर्व आरक्षित वर्गों के अभ्यर्थियों तथा इसी वर्ग के उन मेधावी छात्रों (जो सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों से अधिक अंक लाते थे) की कुल संख्या लगभग 55%से 60% तक होती थी। परंतु वर्ष 2014 के बाद से आरक्षित वर्गों के अभ्यर्थियों की इस संख्या में भारी कमी आयी है जिसका उल्लेख स्वयं UPSC की 65वीं वार्षिक रिपोर्ट में भी है। इस रिपोर्ट का वह अंश यहाँ प्रस्तुत किया गया है जिसमें इस भेदभावपूर्ण बदलाव को देखा जा सकता है।

इसके खिलाफ छात्रो का एक समूह राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग और राष्ट्रीय अनुसूचित आयोग आरक्षण से हो रही इस तरह की गतिविधियों के खिलाफ अपनी शिकायत दर्ज करवायी। छात्रों ने जनप्रतिनिधियों से मिलकर इस मामले को सरकार और समाज के संज्ञान में लाने और न्याय की मांग की है। आयोग ने मामले की गंभीरता देखते हुए तत्काल प्रभाव से लोक सेवा आयोग से रिपोर्ट तलब करने और सात दिनों के अंदर अंदर सक्षम अधिकारी को तलब करके मामले का स्पस्टीकरण प्रस्तुत करने की संस्तुति की है।

वर्तमान में विभिन्न आयोगों द्वारा SC, ST और OBC वर्ग के जनरल मेरिट में आये अभ्यर्थियों को भी इन वर्गों को आरक्षित सीटों में ही शामिल करते हुए बड़ी ही चालाकी से सामान्य वर्ग को 50%का अप्रत्यक्ष आरक्षण दे दिया गया है। साथ ही SC, ST और OBC वर्ग के सभी अभ्यर्थियों को उनको आवंटित क्रमशः 15%,7.5% तथा 27% तक ही सीमित कर दिया गया है। अतः अब आरक्षित वर्ग का कोई भी अभ्यर्थी भले ही सामान्य वर्ग से अधिक अंक लाये उसे उसके आरक्षित वर्ग में ही गिना जा रहा है।

आप अनुमान लगा सकते हैं कि इस बदलाव से आरक्षित वर्गों हेतु कटऑफ अंक में कैसे बढ़ोत्तरी हो रही है। इसका प्रत्यक्ष उदाहरण है हाल ही की RPSC की मुख्य परीक्षा 2013 का परिणाम है जहाँ सामान्य वर्ग की कटऑफ 350 अंक और ओबीसी वर्ग हेतु कटऑफ 380 अंक तक था। इसी क्रम में संघ लोक सेवा आयोग द्वारा जारी परिणामों में भी कटऑफ में अंतर साफ़ तौर पर देखा जा सकता है। जहाँ वर्ष 2014 से पहले सामान्य और ओबीसी वर्ग के प्रारंभिक परीक्षा के कटऑफ में लगभग 20 अंकों का अंतर रहता था वहीं यह अंतर वर्ष 2014 और 2015 में मात्र 1 अंक का रह गया। with thank from नेशनल दस्तक






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