साइकिल चोर से धन्नासेठ अपराधी बनने तक का सफर

bindi yadav gyaबिहार रोड रेज: आरोपी रॉकी का पिता बिंदी यादव ऐसे बना साइकल चोर से अमीर आदमी
0 1980 तक एक मामूली अपराधी के रूप में थी बिंदी की पहचान
0 1990 में जॉइन की लालू की आरजेडी पार्टी
0  2005 में लड़ा पहला बिहार विधानसभा चुनाव, हार गया
बिहार कथा
पटना(आईएनएस)। विधायक मनोरमा देवी और उसका बेटा रॉकी यादव रोड रेज के केस से चर्चा में हैं लेकिन रॉकी का पिता भी कम चर्चित व्यक्ति नहीं रहा है। रॉकी का पिता बिंदेश्वरी प्रसाद यादव उर्फ बिंदी 1980 तक गया के एक मामूली अपराधी के रूप में जाना जाता था। लोकल लोग बताते हैं कि उसे साइकल चोरी के अपराध में पकड़ा गया था तब वह बिहार के उस आपराधिक साम्राज्य में एक मामूली शख्स था।
कुछ समय बाद बिंदी के सपने बड़े होते गए और इसीलिए 1990 में उसने बच्चू नाम के दूसरे अपराधी से हाथ मिलाया। तीन साल तक दोनों ने बड़ी आपराधिक गतिविधियां कीं और दोनों बिंदिया-बचुआ के नाम से प्रसिद्ध हो गए। यह लालू प्रसाद यादव का दौर था जब बिहार में आरजेडी की सत्ता हुआ करती थी। बिहार में उस समय सुरेंद्र यादव, राजेंद्र यादव और महेश्वर यादव जैसे अपराधियों की अधिक चर्चा थी। बिंदी और बच्चू भी ऐसे समय में ज्यादा चर्चित होने लगे।
गया के डीएम और एसपी ने जब बिंदी और बच्चू पर सख्त रवैया अपनाया तो उन्हें अहसास हुआ कि राजनीति उनकी सुरक्षा करेगी, इसी कारण बिंदी ने 1990 की शुरुआत में लालू प्रसाद यादव की पार्टी आरजेडी जॉइन कर ली। 2001 में बिंदी गया डिस्ट्रिक्ट बोर्ड के चेयरमैन चुना गया और वह इस पद पर 2006 तक रहा। 2005 में बिंदी ने गया (ग्रामीण) से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में विधानसभा चुनाव लड़ा लेकिन हार गया। 2010 में गुरुआ से आरजेडी के टिकट पर बिंदी ने दोबारा विधानसभा चुनाव लड़ा और वह फिर हार गया। बिंदी ने शपथ पत्र में खुलासा किया था कि उस पर 18 आपराधिक मामले हैं। बिंदी ने 2010 में लालू की पार्टी छोड़कर नीतीश की पार्टी का दामन पकड़ लिया। 2011 में बिंदी को एके-47 राइफल और चार हजार कारतूस रखने के जुर्म में गिरफ्तार किया गया था। इस घटना के बाद साइकल चोर बिंदी ने राजनीतिक नजदीकियों का फायदा उठाकर सरकारी ठेके लेने शुरू कर दिए।
अभी इतनी संपत्ति
वर्तमान में बिंदी यादव के पास गया, बोध गया, दिल्ली में मॉल, होटल और 15 पेट्रोल पंप हैं। उसके बिजनस का पैसा रोड, कंस्ट्रक्शन और शराब के धंधों में लगा हुआ है। इतना पैसा होने पर ही उसका बेटा रॉकी डेढ़ करोड़ रुपए की एसयूवी और इटैलियन मेड .32 बोर की पिस्टल रखता था।
बीवी के पीछे पावरहाउस की तरह
साल 2015 में बिंदी ने अपनी पत्नी को जेडीयू सदस्य के रूप में बिहार विधान परिषद की सदस्यता दिलवाई थी। उसका खुद का तो राजनीतिक करियर कुछ खास नहीं रहा, लेकिन अपनी राजनैतिक बीवी के पीछे वही पावरहाउस के रूप में है।






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