February, 2016

 

कमाने के लिए इराक गए सीवान के चार युवक गायब!

रोटी की तलाश में खाड़ी देश गए चार युवकों का नहीं है कोई पता 14 जून 2014 के बाद से बंद है चारों युवकों के मोबाइल सीवान से दिल्ली तक अधिकारियों के पास कई बार लगा चुके हैं गुहार परिजन इराक के मोसुल की एक कंसट्रक्शन कंपनी में रीगर के पद पर गए थे काम करने सीवान। जिले के चार युवक रोजी-रोटी की तलाश में 19 सितंबर, 2013 को खाड़ी देश इराक के मोशुल शहर में एक कंसट्रक्शन कंपनी में रीगर के पद पर काम करने के लिए गए. नौRead More


कन्हैया के गांव में पुलिस का पहरा, माता-पिता को भरोसा, बेटा निकलेगा बेदाग

बेगूसराय। दिल्ली के पटियाला हाउस अदालत परिसर में जेएनयू छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार पर हमले के एक दिन बाद पुलिस ने उसके परिवार की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए यहां कदम उठाये हैं। बेगूसराय के पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार ने कहा, हम लोगों ने एफसीआई पुलिस थाने में पांच पुलिसकर्मियों और एक अधिकारी की एक टीम को तैयार रखा है ताकि बिहट गांव के मकसासपुर टोला स्थित कन्हैया कुमार के घर पर जल्द से जल्द पहुंचा जा सके। पटियाला हाउस अदालत परिसर में कन्हैया कुमार पर हमले का हवालाRead More


दहेज नहीं देने पर पत्नी को ब्लू फिल्म बनाने वालों से बेचा

बिहार से हरियाणा में हुई थी शादी, सारण जिले के तरैया की है पीड़िता गिरिधर झा. पटना। दहेज ना देने पर ससुराल द्वारा महिला के साथ अत्याचार का एक और मामला सामने आया है. बिहार की रहने वाली लड़की को उसके ससुराल वालों ने पोर्न फिल्म बनाने वालों को बेच दिया. महिला की शादी को हुए अभी डेढ़ महीने भी नहीं हुए थे और दहेज ना मिलने से नाराज पति ने उसे पोर्न फिल्ममेकर के हाथों बेच दिया. पीड़िता वहां से बच निकली और अपने मायके बिहार वापस आ गई.Read More


151 साल पहले बिहार से भगवान बुद्ध की मूर्ति ले गए थे अंग्रेज, अब उठेगी वापस लाने की मांग

500 किलो की है मूर्ति, 1865 में ब्रिटिश सरकार ले गई थी लंदन लक्ष्मीकान्त दुबे भागलपुर। बिहार के ऐतिहासिक स्थल सुल्तानगंज में ब्रिटिश हुकूमत के दौरान मिली बुद्ध की प्रतिमा ब्रिटिश संग्रहालय में शोभा बढ़ा रही है। लगभग 150 साल पहले इसे अंग्रेज ब्रिटेन लेकर चले गए थे। हैरानी की बात यह कि इस बारे में ज्यादा लोगों को पता नहीं है। लेकिन अब इसे ब्रिटेन से वापस लाने के लिए संसद में मांग उठाई जाएगी। मूर्ति का बजन 500 किलोग्राम से ज्यादा है। ज्ञात हो कि सुल्तानगंज हिन्दू तीर्थRead More


वैलेनटाइन डे पर प्रेमिका की ससुराल पहुंचे प्रेमी की जम कर पिटाई

13 फरवरी को लड़की की हुई थी शादी मसौढ़ी। वैलेनटाइन डे के जोश में एक प्रेमी को नई नवेली दुल्हन की ससुराल पहुंचना महंगा पड़ गया. लड़की के ससुरालवालों ने उस प्रेमी की न केवल जम कर पिटाई की, बल्कि उसे पुलिस के हवाले भी कर दिया. प्रेम-प्रसंग की ए अजीबो-गरीब घटना रविवार को धनरूआ के देवदहा गांव की है. जानकारी के अनुसार बाढ़ के रहनेवाले सरयुग प्रसाद के पुत्र सतेंद्र कुमार नालंदा जिले के नगरनौसा गांव के नागेंद्र प्रसाद की पुत्री से प्रेम करता था. इस बात की जानकारीRead More


बिहार का यह भिखारी हर महीने कमाता है 30 हजार

नई दिल्ली। बिहार के गया का रहने वाला एक भिखारी हर रोज एक हजार रुपए से अधिक की कमाई करता है, दिन में जब उसकी कमाई 1200 रुपए से अधिक होती है तब वह जल्द ही घर लौट जाता है। पोलियो से पीड़ित सिद्धांत का कहना है कि हर रोज वह 1000 रुपए एक कम नहीं कमाता है। वह अपने वर्तमान स्थिति से खुश है और न उसे भविष्य की चिंता है न ही गुजरे जमाने की। उसने बताया कि पोलियो से उसका दाहिना पैर खराब हो गया था, मां कोRead More


जेल के अंदर गुलजार जिंदगी

बिहार में जेलें हमेशा से अजीबोगरीब हरकतों के लिए बदनाम रही हैं लेकिन इधर कुछ समय से हालात बदतर हुए हैं. कई आदतन अपराधी अब वारदात करने के बाद अदालतों में समर्पण करने पहुंच जाते हैं. इसका मतलब साफ तौर पर यह है कि उन्हें इधर-उधर भटकने की बजाए जेलें ज्यादा सुरक्षित लगती हैं. और हो भी क्यों न? जेलें सुरक्षित पनाहगाह तो हैं ही, समर्पण करने से उनकी संपत्ति की कुर्की भी नहीं होती और बाद में जमानत पाने में भी आसानी होती है. अमिताभ श्रीवास्तव यह वाकया जून,Read More


एक मामूली संत ने छेड़ा ऐसा अभियान, 500 लोगों ने छोड़ दिया दारू

अमन कुमार सिंह. छपरा। कुछ लोग जन्मजात ही संस्कार व कुछ कर दिखाने की जज्बा लेकर जन्म लेते हैं। उनके रग-रग में मानव की सेवा भावना वास करती है। उसी में जीना है उसी में मरना है। इन्हीं उदाहरणों में से एक हैं छपरा के संत रविन्द्र दास जी। गृहस्थ घर में जन्म लिए रविंद्र दुनिया के कई दरवाजों पर ठोकरे खाने के बाद संत कबीर दास के अनुयाई बन गए। उसके बाद उन्होंने समाज एवं नैतिकता के विकास के रास्ते का सबसे बड़ा बाधक बना नशा, दारू व मांसRead More


बांझ हो गया नीतीश का संकल्प

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का संकल्प बांझ (विरान) हो गया है। मुख्यमंत्री का सरकारी आवास एक अण्णे मार्ग पूरा ही विरान हो गया है। वहां मकान व चहारदिवारी ही बच गई है। पेड़-पौधे ही रह गए हैं। सीएम हाउस के नाम पर तैनात पूरी फौज सिर्फ मकान, चहारदिवारी व पौधों की ही रखवाली कर रही है। सीएम हाउस में न सीएम रहते हैं और न सीएम का कारवां। वीरेंद्र यादव नीतीश कुमार का पसंदीदा था संकल्प। वह भी विरान हो गया है। कभी सत्ता का असली केंद्र संकल्प ही था औरRead More


पनिया के जहाज से ले कर रेल के पलटनिया तक

कभी पनिया जहाज से पटना से गंगा पार किया जाता था. 1982 में पहली बार महात्मा गांधी सेतु बना और अब उत्तर दक्षिण बिहार को जोड़ने वाला रेलमार्ग बिहार वासियों के हवाले कर दिया गया है. मंगलवार 9 फरवरी का दिन बिहार के इतिहास में स्वर्णिम अध्याय के रूप में जुड़ गया जब पहली बार पटना से उत्तर बिहार के बीच रेल सेवा बहाल हुई.इस रेल सेवा के बहाल होने से बदहाल महात्मा गांधी सेतु पर अब जनभार कम होगा. अनूप नारायण सिंह आजादी के बाद 1982 में महात्मा गांधीRead More


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