Friday, April 24th, 2015

 

बाढ़ की तैयारी, तूफान का सामना

अनिल के गुप्ता प्राकृतिक आपदा को इंसान रोक नहीं सकता, किंतु उसके प्रभाव को सीमित कर सकता है। इसी बुनियाद के इर्द-गिर्द आपदा प्रबंधन का समूचा ढांचा खड़ा है। इस मामले में हमारी तैयारी पहले से काफी अच्छी हुई है, परंतु काम अब भी टुकड़ों-टुकड़ों में ही किया जाता है। जैसे, साल 2008 में कोसी में बाढ़ आई, तब से वर्षों तक बिहार में बाढ़ से निपटने की तैयारियां चलती रहीं। गुजरात में 2001 में भूकंप आने के बाद वहां भूकंप रोधी तकनीक पर जोर रहा। उत्तराखंड में साल 2013Read More


तीन बीधे में डेढ़ बोरा गेहूं देख किसान को हार्ट अटैक

मौसम की मार : कम उपज देख किसान की हार्ट अटैक से मौत गोपालगंज। मौसम की मार ने अन्नदाता किसानों को याचक बनने को विवश कर दिया है. खेतों में गेहूं की लहलहाती फसल को देख कर खुशियों से झूम उठनेवाले किसान बालियों में दाने नहीं देख कर सदमे में हैं. कुचायकोट प्रखंड की ढोढ़वलिया पंचायत के बंगरा गांव के एक किसान सदमे को बरदाश्त नहीं कर पाए और हार्ट अटैक से उनकी मौत हो गई. इसके पहले भी एक किसान की कुछ इसी तरह मौत हो गई थी. कईRead More


बिहार में तूफान से मरने वालों की संख्या हुई 55, राजनाथ ने किया हवाई सर्वेक्षण

पटना। तूफान से बुरी तरह प्रभावित पूर्णिया जिले में एक व्यक्ति की मौत के साथ ही बिहार में ‘काल बैशाखी’ के कारण मरने वाले लोगों की संख्या बढ़Þ कर 55 हो गई है। इस बीच राज्य के उत्तर-पूर्वी क्षेत्र में गरज के साथ बारिश होने के पूर्वानुमान के कारण अलर्ट जारी कर दिया गया है। राज्य आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा संकलित नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार पूर्णिया में ‘काल बैशाखी’ के कारण सबसे अधिक 38 लोगों की मौत हुई है। रिपोर्ट में बताया गया है कि मधेपुरा में सात, मधुबनी मेंRead More


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