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नाश्पाती वाले बुद्ध और सौ बटा सौ

[हमारी शिक्षा और व्यवस्था, आलेख – 3] ——————— राजीव रंजन प्रसाद चीन में नाशपाती के फलों पर एक प्रयोग हुआ। भगवान बुद्ध की आकृति का सांचा बनाया गया और नन्हें फलों को वास्तविक आकार लेने से पहले, उनपर वह कस दिया गया। फल जैसे जैसे आकार-प्रकार में बड़ा होता गया उसकी, बाध्यता थी कि वह अपना विस्तार सांचे की परिधि के भीतर ही करे। फल की अपनी कोई इच्छा नहीं थी, उसकी कोई स्वतंत्रता नहीं, उसकी नियति तय थी कि बुद्ध की तरह दिखना है। सोचता हूँ कि क्या जैसाRead More


पीरियड्स पर बात करना अब गन्दी बात नहीं” बिहार डायलॉग- टॉक ऑन पीरियड्स

बिहार डायलॉग,पटना.तीसरी-चौथी क्लास की एक बच्ची को स्कूल में पीरियड्स हो गया….वह घर आयी और चिल्लाने लगी “मम्मी मैंने कुछ नहीं किया” वह बच्ची रोती रही-रोती रही और जब सामने उसकी मम्मी आयी तो भी उसने रोते हुए कहा कि “मम्मी को कोई समझाओ प्लीज…मैंने कुछ नहीं किया.” मतलब जागरूकता के आभाव में वह बच्ची अचानक आये पीरियड्स से इस कदर डर जाती है जैसे उसने कोई बहुत बड़ा पाप कर दिया हो. पीरियड्स को लेकर ऐसे ही कुछ निजी अनुभव साझा हो रहे थें, उसपर डिबेट हो रहे थें,Read More


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