#pushy mitra
स्वरा भास्कर की शादी के बहाने समझे समाज की मानसिकता
स्वरा भास्कर की शादी के बहाने समझे समाज की मानसिकता पुष्यमित्र सच तो यह है कि भले हम सबके हाथ में मोबाइल आ गया है और हम आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के खिलौने से खेलना सीख गए हो मगर ज्यादातर भारतीय आज भी मानसिक तौर पर मध्यकालीन युग में ही अटके। मध्यकालीन युग यानी युद्ध, बर्बरता और लूट खसोट। जब एक राज्य या एक देश या एक कबीला दूसरे पर हमले करता और लूटपाट मचाता। जीतने वालों का हक था कि वह पराजित समाज का सबकुछ छीन ले। धन भी और स्त्रियांRead More
‘माई बिसरी, बाबू बिसरी, पंचकोसवा के लिट्टी-चोखा ना बिसरी’
पुष्यमित्र बिहार के बक्सर के चरित्रवन की इस तस्वीर को देखिये। मैदान से उठता धुआं और लोगों की भीड़ को देख कर आप शायद समझ न पायें कि दरअसल वहां हो क्या रहा है। तो जान लीजिये, यह लिट्टी चोखे का मेला है, जो हर साल आज के ही दिन यहां लगता है। वैसे तो यह तस्वीर दो साल पुरानी है और एक लोकल वेबसाइट से ली गयी है, मगर आज भी अगर आप वहां जायेंगे तो इस मैदान में, आसपास के सड़कों के किनारे और दूसरे जगहों में भीRead More
उत्तर बिहार में बाढ़ को समझना है तो यह पढ़िये
#रिपोस्ट : पुष्यमित्र उत्तर बिहार में बाढ़ की आशंकाओं के बीच कुछ ज्ञान की बातें 1. यह सच है कि उत्तर बिहार में बाढ़ नेपाल और उत्तरी बंगाल से आने वाली नदियों में पानी की मात्रा बढ़ जाने के कारण आती है। 2. गजानन मिश्र जी के मुताबिक नेपाल से इस वक़्त 206 जलधाराएं बिहार में प्रवेश कर रही हैं। इनमें घाघरा, गंडक, बागमती, बूढ़ी गंडक, कमला, बलान, कोसी आदि नदियां प्रमुख हैं, शेष छोटी छोटी जलधाराएं हैं। उत्तरी बंगाल यानी सिलिगुडी से महानंदा और डोंक नदी किशनगंज के इलाकेRead More
बिहार के इस स्कूल का हर छात्र का सरनेम भारती हैं, फीस है बस 20 रुपए
पुष्यमित्र.बेगुसराय से यह बेगुसराय के मन्झौल अनुमंडल स्थित भविष्य भारती स्कूल है। इसकी कथा बहुत रोचक है। बापू के जन्म शताब्दी वर्ष 1969 में एक स्थानीय चिकित्सक डा चन्द्रेश्वर प्रसाद सिंह उर्फ सीताराम बाबू ने इसकी स्थापना की थी। उनका लक्ष्य बहुत कम पैसों में बच्चों की पढ़ाई लिखाई का इन्तजाम करना था। उस जमाने से यहां अंग्रेजी और हिन्दी दोनों माध्यमों में पढ़ाई होती थी। अभी भी इस स्कूल की फीस सिर्फ 20 रुपये है। इस स्कूल से जुड़ी सबसे दिलचस्प बात यह है कि यहां के सारे छात्रRead More
परसेप्शन वार की राजनीति में सच सबसे नाजुक दौर में
पुष्यमित्र रवीश भले कहते रहें टीवी कम देखीये, मगर गांव आकर पता चल रहा है, टीवी वाले अपना काम बखूबी कर चुके हैं। यहां सबको मालूम है कि प्रधान मंत्री मोदी ने पकिस्तान को धूल चटा दी है। पकिस्तान ने उनके दहशत में आकर अभिनंदन को छोड़ा है। पूरी दुनिया में मोदी जी की तूती बोल रही है। और तो और पटना की संकल्प रैली में ऐसी भीड़ उमड़ी थी जैसी कई वर्षों में नहीं उमड़ी। अगर आप इन बातों पर असहमति जताते हैं तो जाहिर सी बात है आपRead More