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इसलिए दुनिया कहती थी ध्यानचंद को हॉकी का जादूगर

हाॅकी के भगवान मेजर ध्यानचंद की पुण्यतिथि (3 दिसम्बर 1979) पर नमन किसी भी खिलाड़ी की महानता को नापने का सबसे बड़ा पैमाना है कि उसके साथ कितनी किंवदंतियाँ जुड़ी हैं. उस हिसाब से तो मेजर ध्यानचंद का कोई जवाब नहीं है. हॉलैंड में लोगों ने उनकी हॉकी स्टिक तुड़वा कर देखी कि कहीं उसमें चुंबक तो नहीं लगा है. जापान के लोगों को अंदेशा था कि उन्होंने अपनी स्टिक में गोंद लगा रखी है. हो सकता है कि इनमें से कुछ बातें बढ़ा चढ़ा कर कही गई हों लेकिनRead More


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